सत्ता संभालने के बाद जयराम ठाकुर ने पिछली सरकार में हुई मनमानी के खिलाफ अपने तेवर दिखा दिए हैं। बीजेपी सरकार ने पहली बार विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए हैं। वीरभद्र सिंह सरकार के समय राज्य की दो गोल्ड रिफाइनरीज को 14 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स माफी दी गई थी।
नियमों के खिलाफ दी गई टैक्स माफी पर अब जयराम सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को राज्य सचिवालय शिमला में आयोजित कैबिनेट बैठक में जयराम सरकार ने सरकारी खजाने को चपत लगाने वाले पिछली सरकार के फैसले पर सख्ती दिखाई है। बीजेपी सरकार ने न केवल दो गोल्ड रिफाइनरीज की टैक्स माफी वाले फैसले को पलटा है, बल्कि इसकी विजिलेंस जांच के भी आदेश दिए हैं।
यही नहीं, चंबाघाट में बिना कैबिनेट मंजूरी दिए पिछली सरकार के समय सर्किट हाउस निर्माण के फैसले की भी विजिलेंस जांच का आदेश दिया गया है। सरकार ने दो गोल्ड रिफाइनरीज को टैक्स वापिसी वाली योजना रद्द की है। साथ ही टैक्स की देय राशि के लिए इस तरह का आपराधिक षडय़ंत्र रचने वाली परिस्थितियों और संबंधित महकमों की विजिलेंस जांच होगी। दोषियों को कानून के अनुसार दंड दिया जाएगा।
यहां बता दें कि वीरभद्र सिंह सरकार के समय हमीरपुर जिला के नादौन की गोल्ड फर्म मैसर्स एजे गोल्ड रिफाइनरी का 8 करोड़, 45 लाख, 76 हजार 466 करोड़ रुपये का टैक्स माफ किया गया था। इसके अलावा परवाणू की मैसर्स साईं रिफाइनरी का 5 करोड़, 65 लाख, 21 हजार 975 रुपये टैक्स माफ किया गया था। ये कुल राशि 14.11 करोड़ रुपये के करीब बनती है।
ये दोनों ही गोल्ड उद्योग टैक्स डिफाल्टर की श्रेणी में थे। हालांकि कुछ तकनीकी कारणों से ये टैक्स माफी का फैसला एग्जीक्यूट नहीं हुआ था। जयराम सरकार ने इस बड़े फैसले के अलावा विजिलेंस जांच को लेकर एक अन्य निर्णय भी लिया है।