जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रम ठाकुर ने हमीरपुर में कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल ठाकुर पर तीखा हमला बोला है। विक्रम ठाकुर ने कहा कि यह कैसा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है जिसका नाम तक लेना भी कांग्रेस के स्टार प्रचारक को पसंद नहीं है, जिसका ताजा उदाहरण कल ऊना में सबने देखा। उन्होंने कहा कि ठाकुर रामलाल इससे पहले 1990, 2007 और 2012 में विधानसभा के चुनाव हारे हैं और 1999, 2004 और 2007 में लोकसभा के चुनाव हारे हैं। और इस बार वह लोकसभा चुनावों की हार का चौका लगाने जा रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि ठाकुर रामलाल कहते हैं जब वह चुनाव हारे तो मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल थे, यह उनकी बौखलाहट और हताशा है जो वह यह भी भूल गए हैं कि 2004 में मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल नहीं बल्कि वीरभद्र सिंह थे।
उन्होंने रामलाल ठाकुर को चुनोती देते हुए कहा कि अनुराग ठाकुर को पिता के नाम पर वोट मांगने वाला बताने वाले रामलाल ठाकुर खुद किसके नाम पर वोट मांग रहे हैं । रामलाल ठाकुर के रहे हैं कि अनुराग ठाकुर अब मुख्यमंत्री के बेटे नहीं हैं तो उनको ज्ञात होने चाहिए कि 2014 में धूमल मुख्यमंत्री नहीं थे तब भी अनुराग ठाकुर लगभग 1 लाख वोटों से चुनाव जीते हैं। वास्तव में ठाकुर रामलाल को उनके कारनामों के कारण ही जनता वोट नहीं डालेगी।
विक्रम ठाकुर ने कहा कि ठाकुर रामलाल हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, खेल मंत्री एवं वन मंत्री रह चुके हैं। लेकिन इन सभी पदों पर रहते हुए उनका नाम यदि रोशन हुआ है तो वह स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय अनियमितताओं और ड्राइवरों और सैनिकों को बदनाम करने के लिए, खेल संघों एवं खेल स्टेडियमों पर जबरन कब्जा करने की कोशिशों के लिए और आरों को बंद करवाने एवं आम जनता का वनों से लकड़ी प्राप्त करने का अधिकार खत्म करने के लिए हुआ है।