पूर्व मुखयमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वीरभद्र सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपने पद और उम्र का ख़्याल रखकर राजनीतिक टिप्पणियां करनी चाहिए। धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके घर में भी कोई चुनाव हार कर बैठा हुआ है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव महत्वपूर्ण होते हैं और मतदाता अपना निर्णय देते हैं जो सबको स्वीकार्य होता है। चुनाव जीतना या हारना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो मतदाताओं के हाथ में होती है। कुछ लोग चुनाव जीत कर भी घर बैठ जाते हैं, और कुछ लोग चुनाव हार कर भी जनता से संपर्क बनाये रखते हैं।
धूमल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे बारे में उन्होंने जो टिपण्णी की है उसको करते वक़्त उनका ध्यान अपने घर की ओर क्यूं नहीं गया। वहां भी तो कोई चुनाव हार कर घर बैठे हैं, उनके पास कौन बैठता होगा या बैठेगा, या उनका उपदेश केवल दूसरों के लिए ही होता है। वीरभद्र अपने घर का भी ख्याल रखें। उन्हें मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि शीशे के महलों में रहने वाले दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते।
धूमल ने कहा कि कुछ लोग अपनी टोपी दूसरों के पैरों में समय अनुसार रखकर या कहीं रोकर अपनी राजनीति चलाते हैं उनकी जीत भी हार से बुरी होती है, पर शायद ऐसे लोगों में आत्मसम्मान से ज्यादा महत्व राजनितिक लाभ उठाने का रहता है।
उन्होंने कहा कि हमीरपुर ज़िला के दौरे में जो टिप्पणियां वीरभद्र सिंह ने की हैं वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि ये बातें दर्शाती हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपने पद और आयु के बावजूद अपने स्तर से उठ नहीं पाते। धूमल ने कहा कि हल्की टिप्पणियां करने का स्वभाव उनका पीछा अब भी नहीं छोड़ता, चाहे वह अपनी पार्टी के नेतृतव पर बात करें या फिर किसी और के बारे में।