कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीएस बाली के विधानसभा में विकास रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में सीएम वीरभद्र सिंह भी पहुंचे। लेकिन, ग्राउंड पर उमड़े लोगों के हुजूम ने उनके भाषण के दौरान नारेबाजी शुरू कर दी। सीएम वीरभद्र के लाख टोकने के बावजूद भी कार्यकर्ताओं ने अपनी नारेबाजी जारी रखी। यहां तक कि मंच पर बैठे जीएस बाली ने भी चुप रहने के इशारे किए। बावजूद कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर नारेबाजी क्या थी। तो आपको बताते हैं। यहां नगरोटा बगवां की विकास रैली में मंच पर राहुल गांधी, शिंदे समेत प्रदेश कांग्रेस के आला नेता मौजूद थे। भारी संख्या में आए लोगों के से उत्साहित कार्यकर्ताओं ने 'हमारा सीएम कैसा हो, जीएस बाली जैसा हो' के नारे लगाने शुरू कर दिए। जब मुख्यमंत्री बोलने आए तो यह नारा काफी तेज हो गया और थमने का नाम ही नहीं ले रहा था।
वीरभद्र सिंह को संबोधित किए हुए अभी मुश्किल से एक मिनट भी हुआ नहीं था कि उन्होंने अपना भाषण रोकना उचित समझा। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी कर रहे युवाओं को चुप रहने की नसीहत भी दी और कहा कि जब बड़े बोलें तो युवाओं को उसे अनुशासित होकर सुनना चाहिए। लेकिन, नारेबाजी का शोर दूसरी तरफ से भी चल निकला। फिर क्या था सीएम साहब ख़फा हो गए और माइक छोड़ अपनी कुर्सी पर आ बैठे।
इस दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भी कुछ असहज से महसूस करते हुए दिखाई दिए। मंच से जाने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और जीएस बाली के साथ कुछ तल्ख गुफ्तगू भी देखी गई। वीरभद्र सिंह इस दौरान जीएस बाली से कुछ शिकायत करते हुए भी दिखाई दिए। हालांकि, बाद में राहुल के भाषण के दौरान दोनों नेता कुछ शांत लहजे में स्टेज पर विमर्श करते हुए भी दिखाई दिए।
गौरतलब है कि नगरोटा बगवां में पहले भी बाली को सीएम बनाने की नारेबाजी होती आई है। एक बार फिर राहुल के सामने समर्थकों और लोगों ने ये साबित कर दिया कि उन्हें हिमाचल कांग्रेस की कमान बाली के हाथों में चाहिए।