विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरह ही कांग्रेस में भी टिकटों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आलम यह है कि दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व की सीट तय नहीं हो पा रही है। कांग्रेस की बात करें तो सीएम वीरभद्र सिंह खुद अपनी सीट तय नहीं कर पा रहे हैं। पिछले दिनों वीरभद्र सिंह ने ठियोग से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। लेकिन, अब ख़बर है कि वह अर्की से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।
दरअसल, इसके पीछे वीरभद्र सिंह का ठियोग से जीत प्रति आश्वस्त नहीं होना बताया जा रहा है। हालांकि, ठियोग से वर्तमान विधायक विद्या स्टोक्स समेत कई कांग्रेसी नेता उन्हें यहां से लड़ने का न्योता भी दे चुके हैं।
इंग्लिश अख़बार 'द ट्रिब्यून' में छपी एक ख़बर के मुताबिक वीरभद्र सिंह ने कहा, "मैं अर्की से लड़ने की भी सोच रहा हूं, जहां से हम लगातार दो टर्म्स से हारते आ रहे हैं। मैं जल्द ही अपनी सीट तय करूंगा। मगर मैं या तो अर्की से लड़ूंगा या फिर ठियोग से। दोनों से नहीं लड़ने वाला।''
बताया जा रहा है कि वीरभद्र सिंह ने ठियोग में बागी नेताओं के तेवर को देखते हुए अपना फैसला बदला है। दरअसल, ठियोग से कांग्रेस का एक धड़ा वीरभद्र के चुनाव लड़ने पर सहमत नहीं है। उनके मुताबिक इस फैसले के दौरान उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। ख़बर है कि सोमवार को बागी गुट ने एक बैठक भी की, जहां यह तय किया गया कि वे सीपीएम उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।