कांगड़ा जिला परिषद् के उपाध्यक्ष ने सरकार से मांग की है की इस बार जो पंचायती राज के चुनाव प्रदेश में होने जा रहे हैं उनमें जिला परिषद् और ब्लॉक समिति के चुनाव ना करवाएं जाए। उन्होंने कहा है की होने को है लेकिन अब हम लोगों को जनता के बीच में जाना भी मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि हम लोगों का काम अपने सत्तर पर करवा पाने में कामयाब नहीं हो रहें हैं। जिसका कारण किसी भी तरह की वित्तीय शक्ति हमारे पास नहीं होना है।
उन्होंने कहा की इस समय सरकार बड़े घाटे में है लेकि, नेताओं के अपने अपने खर्चे बदस्तूर जारी हैं। ऐसे मैं हमारी ये मांग है की परिषद् को सरकार 5000 रुपये, उपाध्यक्ष को 400 और अध्यक्ष को 12500 मानदेय के रूप में देती है। इसके इलावा गाड़ी और ऑफिस का खर्चा भी सरकार पर पड़ता है। जबकि मौजूदा हालत में सरकार को ब्लॉक समिति और जिला परिषद् की कोई जरूरत ही नहीं है। उन्होंने कहा कर्जे का डिंडोरा पीटकर सरकार प्रदेश में चल रही है कभी धारा 118 के नाम पर तो कभी इन्वेस्टर मीट के नाम पर प्रदेश के हितों से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।