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विश्लेषण: सोलन की बाज़ी किसके हाथ ?

समाचार फर्स्ट |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में इस बार सोलन जिला में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। यहां पर विधानसभा की पांच सीटें है। सोलन से बीजेपी ने तो पांचों विधानसभा क्षेत्रों में अपने महारथी उतार दिए है लेकिन कांग्रेस ने नालागढ़ में भी किसी को टिकट नही दिया है। बाकी चार सीटों पर बात करें तो सोलन से एक बार फिर कांग्रेस नेे धनीराम शांडिल को चुनावी मैदान में उतारा है जबकि बीजेपी ने सोलन से इस बार टिकट बदल कर धनी राम शांडिल के ही दामाद राजेश कश्यप को चुनाव में उतार कर जंग को रोचक बना दिया है। अब ससुर दामाद के बीच जीत किसकी होगी इसको लेकर संग्राम शुरू हो गया है।

दूसरा बड़ा उलटफेर बीजेपी ने अर्की विधानसभा क्षेत्र में किया है जहाँ से लगातार दो बार विधायक रहे गोविन्द शर्मा का टिकट काट कर रत्न सिंह पाल को दे दिया है। लेकिन कांग्रेस ने मुख्यमंन्त्री वीरभद्र सिंह को अर्की से उतारकर मुक़ाबला एक तरफा बनाने की चाल चल दी है। अर्की में इस बार बीजेपी के लिए राह आसान नही है। क्योंकि नए प्रत्याशी का मुक़ाबला हिमाचल के सबसे बड़े राजनीतिज्ञ से है।

दून से कांग्रेस ने जहां दोबारा से विधायक रहे राम कुमार पर भरोसा जताया है तो बीजेपी ने परमजीत पम्मी को चुनावी रण में उतार कर राम कुमार को चुनोती दी है। यहां मुक़ाबला कड़ा रहने की उम्मीद की जा रही है। कसौली विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने एक तरफ मौजूदा विधायक राजीव सैजल को ही चुनावी मैदान में उतारा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपने पिछले प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी पर ही दांव खेला है।

कसौली में भी मुक़ाबला एक तरफा नही माना जा सकता है क्योंकि पिछली मर्तबा भी भाजपा के राजीव सैजल मात्र 33 मतों से जीते थे। नालागढ़ सीट पर बीजेपी ने तो दोबारा से अपने विधायक कृष्ण लाल ठाकुर को टिकट दे दिया है जबकि कांग्रेस उनके मुकाबले किसको अपना प्रत्याशी बनाती है इस पर अभी संशय बरकरार है।

2012 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा की झोली में तीन जबकि कांग्रेस के खाते दो सीटें आई थी। सोलन की सीट कांग्रेस ने जीती जहां से कैबिनेट मंत्री धनी राम शांडिल जीतकर विधानसभा पहुंचे। दूसरी सीट कांग्रेस के राम कुमार ने दून की जीती। जबकि बीजेपी के गोविंद शर्मा ने अर्की सीट, कृष्ण ठाकुर ने नालागढ़ सीट व राजीव सैजल ने मात्र 33 वोटों से कसौली सीट पर कब्जा किया था। सोलन में तीन सीट अनारक्षित है जबकि कसौली और सोलन सीट आरक्षित है।