हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव तो खत्म हो गए हैं और कांग्रेस ने चारों सीट पर जीत भी हासिल कर ली है, लेकिन अब कांग्रेस पार्टी की तरफ से एक और मुद्दे को उठाया जा रहा है. उपचुनाव के दौरान मंडी संसदीय सीट पर कांग्रेस की छवि को खराब करने के आरोप लग रहे हैं. अब इस मामले में कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा का बयान सामने आया है. आश्रय शर्मा ने कांग्रेस की छवि खराब करने के षडयंत्र का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.
इससे पहले शिमला ग्रामीण के कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए जांच की मांग की थी. अब आश्रय शर्मा ने विक्रमादित्य की मांग का समर्थन करते हुए जांच की मांग को जायज ठहराया है. आश्रय ने कहा है कि मतदान से ठीक पहले तथाकथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह और कांग्रेस पार्टी सहित पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की छवि को खराब करने का जो षडयंत्र रचा गया है उसकी जांच होनी चाहिए. ‘यह ऑडियो किसने वायरल किया और उसे वायरल करने के पीछे क्या मंशा थी इस बात का पर्दाफाश होना चाहिए’.
आश्रय शर्मा ने कहा मैं राज्य सरकार से चाहूंगा कि इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच एजेंसियों से करवाई जाए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. उन्होंने कहा ऑडियो क्लिप में हिमाचल के संसाधनों को बेचने की बातें भी सुनाई पड़ रही हैं. ऐसे में इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि क्या हिमाचल के संसाधनों को बेचा गया है?
कांग्रेस की तरफ से ऐसे वक्त में ये मुद्दा उठाया गया है जब प्रदेश में बीजेपी सरकार और संगठन के अंदर बदलाव की सुगबुगाहट है. उपचुनाव में बीजेपी का तो सूपड़ा साफ हो गया लेकिन मंडी सीट को लेकर जो मुद्दा कांग्रेस अब उठा रही है वो एक बार फिर सीधा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को टारगेट कर रहा है. तो क्या कांग्रेस की इस मांग को प्रदेश सरकार मानेगी? अगर वाकई किसी साजिश के तहत कांग्रेस या किसी भी पार्टी को बदनाम करने की साजिश गई है तो इसकी जांच सरकार को जरूर करनी चाहिए. जिससे भविष्य में ऐसा किसी भी पार्टी या नेता के साथ ना हो.