बहुचर्चित इन्वेस्टर मीट जिसके लिए प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपया बहा दिया ताकि किसी भी तरह से हिमाचल प्रदेश में इन्वेस्टमेंट आए और प्रदेश में न सिर्फ टूरिज्म का विकास हो बल्कि रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ें। लेकिन इन सबके बीच में धूमल परिवार को लेकर जो चर्चाएं आम हैं उनको एक बार फिर से तूल मिलता नजर आ रहा है। सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल इन्वेस्टर मीट से पूरी तरह दूरी बनाए रखेंगे। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनके प्रेम कुमार धूमल बहुत करीबी दोस्त माने जाते हैं और पीएम मोदी खुद इन्वेस्टर मीट के उद्घाटन समारोह में आ रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी प्रेम कुमार धूमल का इन्वेस्टर मीट में नहीं पहुंचेगे।
प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ाती नजर आ रही हैं। पिछले कुछ समय से केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और सरकार के बीच में चल रही तनातनी भी मीडिया में सुर्खियां बटोर रही थी। लगातार एक संदेश जनता के बीच में मीडिया के माध्यम से जाता रहा कि प्रदेश भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है। और अंदर खाते कहीं ना कहीं गुटबाजी को भी हवा मिल रही है। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बार-बार यह कहते हैं कि वह बदले की भावना से कोई भी काम नहीं करते हैं। और यही कारण है कि उन्होंने पुरानी सभी तरह की जांच चाहे वह कांग्रेस की हो या भाजपा की हो उनको पूरी तरह बंद भी करवा दिया है।
सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने फोन के माध्यम से कार्यक्रम में आने का न्योता दिया था। और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने भी धूमल से कार्यक्रम में आने का आग्रह किया है। लेकिन अपने तय कार्यक्रमों की व्यस्तता के चलते धूमल इन्वेस्टर मीट का हिस्सा नहीं बन पाएंग। कारण चाहे कुछ भी हो लेकिन इन सबके बीच में जो राजनीतिक घटनाक्रम प्रदेश में चल रहे हैं उनके ऊपर अब सबकी निगाहें टिकी हुई है।
वहीं, दूसरी तरफ अगर विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस पार्टी ने पूरी तरह इन्वेस्टर मीट से कन्नी काट रखी है। और स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि किसी भी तरह का निमंत्रण कांग्रेस के नेताओं को इन्वेस्टर मीट के लिए बीजेपी की तरफ से नहीं दिया गया है। साथ ही इन्वेस्टर मीट की सफलता को लेकर भी कांग्रेस पार्टी लगातार प्रश्नचिन्ह उठा रही है। इन सबके बीच में अगर जयराम ठाकुर इन्वेस्टर मीट को कामयाब करवाने में सफल हो जाते हैं तो यह एक बड़ी उपलब्धि उनके खाते में उपचुनाव की जीत के बाद होने वाली है।