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क्या विपक्ष के दबाव में आएगी सरकार? हिमाचल में कौन करेगा OPS लागू?

जसबीर कुमार |

हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सियासत गर्माने लगी है। एक तरफ जहां कर्मचारी सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने का दबाव बना रहे हैं तो वहीं दूसरी और विपक्ष ने भी इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है। विपक्ष के नेता बार-बार यह कर रहे हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन को बहाल किया जाएगा। इसी कड़ी में अब बडसर से कांग्रेस विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने भी प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि यदि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी यदि बहुमत से सरकार बनाती है तो हमारी प्राथमिक्ता कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की रहेगी।

इसके साथ ही उन्होंने सीएम जयराम को हिटलर की तरह तानाशाह नेता करार देते हुए कर्मचारियों को डराने धमकाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक प्रणाली वाला देश है। इस देश में हर एक व्यक्ति को अपने हकों की लड़ाई लड़ने का पूर्ण अधिकार है। बाबजूद इसके मुख्यमंत्री प्रदेश के कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना तो दूर की बात उलटा कर्मचारियों को डराने और धमकाने पर उतारू हो गये हैं जोकि भाजपा सरकार की गुंडागर्दी और तानाशाही के कृत्य को दर्शाता है। सरकार का ये रवैया निंदनीय तो है ही साथ ही दुर्भाग्यपूर्ण भी है |

मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए लखनपाल ने कहा कि जयराम ठाकुर सिर्फ सराज और धर्मपुर के ही मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं। बाकी के विधानसभा क्षेत्रों में सरकार ने नाममात्र के ही काम करवाए हैं। बड़सर विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश की भाजपा सरकार पिछले साढ़े चार सालों में कोई नया विकास कार्य तो करवा नहीं पाई लेकिन कांग्रेस के कार्यकाल में किए गए विकासात्मक कार्य भी मुख्यमंत्री का बडसर दौरा न होने के चलते धुल फांकने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बाबा बालक नाथ मंदिर में बनाया गया दस करोड़ की लागत से लंगर भवन, आयुर्वेदिक अस्पताल बिझड़ी का भवन, सडकें और पुलों को बने तीन से चार साल का समय बीत चुका है लेकिन बिना उद्घाटन के वे आज भी सफेद हाथ बनकर खड़े हैं। हालांकि विधानसभा सत्रों और निजी तौर पर कई बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बडसर आने का न्यौता दिया गया लेकिन वे अभी तक बडसर का दौरा नहीं कर पाए ।

लखनपाल ने कहा कि विधानसभा सत्र चल रहा है जिसमें बडसर की समस्याओं और मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर उठाया जा रहा है। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार न जाने बडसर के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि बडसर में भाजपा नेताओं की अंतरकलह के चलते बडसर विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी हो रही है। जिसके चलते बडसर के महाविद्यालयों में छात्रों के लिए खेल का मैदान तक नहीं बना पाई है। राजकीय महाविद्यालय बडसर में खाली पोस्टों को भरने में भी सरकार नाकाम साबित हुई है। वहीं, आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी टिक्कर राजपुता, दलचेहडा और चम्बेह में चार सालों में जयराम सरकार डॉक्टर, फार्मासिस्ट और चपरासी की पोस्टें तक नहीं भर सकी है।

विधायक लखनपाल ने जयराम सरकार के साथ-साथ बडसर भाजपा नेताओं और अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि जल जीवन मिशन के तहत सरकार 196 करोड़ रूपये खर्च कर रही है लेकिन जल जीवन मिशन के तहत अधिकारियों और नेताओं द्वारा मात्र अपने लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बडसर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के नेता और अधिकारी पाइपों को लेकर बंदर बांट कर रहे हैं जो निंदनीय ही नहीं बल्कि शर्मनाक कृत्य है |

वहीं, मुख्यमंत्री का बडसर दौरा रद्द होने को लेकर लखनपाल ने कहा कि बडसर में भाजप नेताओं की लाइन लंबी है। इन्हीं नेताओं की अंतरकलह के चलते शायद मुख्यमंत्री यहां नहीं आना चाहते। मैंने कई बार मुख्यमंत्री से बडसर आने का न्यौता दिया है लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने कोई पहल नहीं की है। हमारी प्रवृति ये है कि मुख्यमंत्री बडसर आएं तो उनका  दिल से स्वागत किया जाएगा। क्योंकि मुख्यमंत्री भाजपा के ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। यदि वह यहां आते हैं तो बडसर में करोड़ों रुपये से हुए विकासात्मक कार्यों का लोकार्पण हो सकेगा जिससे लोगों को सुविधा मिलने शुरू हो जाएगी।