शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल शुरू हुआ। पहला सवाल बीजेपी के विधायक रमेश धवाला ने मुख्यमंत्री से पूछा कि सरकारी विभागों में करुणामूलक आधार पर नियुक्तियों के लिए कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? जिनमें से कितनों को रोज़गार मिला और कितने मामले लंबित पड़े हैं? इस दिशा में सरकार क्या सरलीकरण करेगी?
जबाब में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि विभिन्न सरकारी विभागों में करुणामूलक आधार पर नियुक्तियों के लिए 5153 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिनमें से अनुमोदित मामलों की संख्या 2095 है। जबकि, 2051मामले लंबित पड़े हुए हैं। सबसे ज्यादा 567 मामले लोक निर्माण विभाग और 411 शिक्षा विभाग में लंबित हैं।
सुखराम ने उठाया सिरमौर रेल लाइन का मामला
दूसरा सवाल जिला सिरमौर रेलवे लाइन का उठाया गया जिसमें पांवटा के विधायक सुखराम ने मुख्यमंत्री से पूछा कि जिला सिरमौर को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए कोई योजना है। इसकी विस्तृत जानकारी दी जाए। इसमें 2010-11 से आगे क्या किसी तरह के कार्य मे प्रगति हुई है??..
प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि रेल निर्माण के लिए रेल मंत्रालय भारत सरकार ने 2010-11 में "घनोंली-देहरादून वाया बद्दी, नालागढ़-जगाधरी-सूरजपुर-कालाअम्ब-पांवटा साहिब " के सर्वेक्षण को प्रस्तावित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के लिए पीड़ा का विषय है कि आजादी के बाद हिमाचल में रेल लाइन न के बराबर बढ़ी। हिमाचल हमेशा रेल लाइन के लिए केन्द्र से मांग करता रहा लेकिन बात आगे नहीं बढ़ रही है।