प्रश्नकाल के बाद किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने नियम 62 के तहत "छात्रवृति घोटाले की जांच को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी " पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया। जगत नेगी ने कहा कि सरकार इतने बढ़े मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहती है। क्या दोषियों को भागने का मौका देना चाहती है। दो साल से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। सरकार इस मामले पर गंभीरता से विचार कर क्या छात्रों को राहत देगी और दोषियों को सज़ा मिलेगी?
इस चर्चा का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि कुछ शिक्षा संस्थानों ने बिना आधार के ही करोड़ों का घोटाला कर दिया। इसमें प्रारंभिक जांच करवाई गई जिसमें बहुत बड़ा घोटाला पाया गया। सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने की तैयारी की है। सिंतबर में ये मामला सीबीआई जांच की मांग के साथ गृह विभाग को भेजा लेकिन कुछ कारणों के साथ वापिस आ गया। इसके बाद 16 नवंबर को इस पर छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
सरकार इस मामले पर फिर से सीबीआई जांच करवाने के लिए आवेदन कर रही है। सरकार मामले पर गंभीर है। ये मामला वैसे भी पूर्व कांग्रेस के समय का है। शिक्षा मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष बिफ़र गया और सदन से वॉकआउट कर दिया।