'आज सड़कों पर लिखे हैं सैंकड़ों नारे न देख
घर का अंधेरा देख तू, आकाश के तारे न देख'
हिमाचल प्रदेश में सरकार के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। वादों और नारों का शोर आपके कानों से खूब टकराता होगा। लेकिन, जमीनी हकीकत की पड़ताल करेंगे तो नतीजा नील बटे सन्नाटा ही हाथ लेगा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री राहतकोष को लेकर भी काफी शोर सुनाई दिया। कोष के खाली होने से लेकर उसमें चंदा देने वालों की सीएम के साथ फोटग्राफी भी अखबारों की सुर्खियां बनती रही। लेकिन, सीएम रिलीफ फंड किस काम का जब जरूरतमंदों के काम ही ना आ सके।
हमीरपुर में 44 साल की एक महिला दिल की बीमारी से पीड़ित है। आर्थिक हालत ऐसी कि इलाज कराना क्षमता से बाहर है। पीड़ित महिला ने मुख्यमंत्री से इलाज के लिए 2 लाख 7 हजार रुपये देने की गुहार भी लगाई। बकायदा पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने इसके लिए सिफारिश भी की। लेकिन, कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। अब बीमारी से पीड़ित महिला ने लोगों से मदद की गुहार लगाई है।
'पैसा नहीं होने पर पीजीआई का इलाज से इनकार'
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के खरेड़-सौर गांव की सुनीला देवी की हालत जनवरी महीने से ही खराब है। दिल की बीमारी के घातक स्तर पर पहुंचने के बाद उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया। लेकिन, इलाज के लिए 2 लाख 7 हजार रुपये की जरूरत पड़ी। परिवार के पास इतना पैसा नहीं है। सुनीला के पति ईश्वरदास मजदूरी कर परिवार का गुजर-बसर करते हैं। ऐसे में इतनी बड़ी रकम जुटाना उनकी क्षमता के बाहर था। पीड़ित महिला का आरोप है कि पैसे नहीं होने के चलते पीजीआई ने भी बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पैसे के इंतजाम के लिए सुनीला देवी ने सीएम रिलिफ फंड से मदद की गुहार लगाई। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी सीएम जयराम को सिफारिशी चिट्ठी लिखी। लेकिन, अफसोस इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। पीड़ित महिला की हालत दिन प्रति दिन खराब हो रही है।
लोगों से मांगी मदद की गुहार
पीड़ित महिला और उसके परिवार ने सरकार से मदद नहीं मिलते देख लोगों के सामने अपनी झोली फैला दी है। सुनीला देवी के पति का कहना है कि जब सरकार कुछ नहीं कर रही तो हम लोगों से मदद की आस लगाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे अपनी बीवी को मरते नहीं देख सकते। ऐसे में उनकी गुहार प्रदेश की जनता से है। लोग उनकी तकलीफ को जरूर समझेंगे और मदद मुहैया कराएंगे। सुनीला देवी ने अपने इलाज की मदद के लिए फोन नंबर भी दिया है। 9459012498 के फोन नंबर पर लोग इनसे संपर्क कर पूछताछ कर सकते हैं और इलाज के लिए मदद मुहैया भी करा सकते हैं।
फिर किस काम का सीएम रिलीफ फंड?
जब कोई गरीब इलाज के अभाव में तिल-तिल कर दम तोड़ता है तो सवाल पैदा होता है कि आखिर मुख्यमंत्री राहत कोष किसके लिए है। पिछले महीने भी सोलन के अर्की की दीपिका (16) ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया था। दीपिका की दोनों किडनियां फेल हो गईं थीं और पैसे के अभाव में उसका भी इलाज करने से पीजीआई ने इनकार कर दिया था।
दीपिका का परिवार इलाज के लिए हर जगह हाथ फैलाया। यहां तक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मिला और मुख्यमंत्री ने इलाज के लिए मदद देने का आश्वासन भी दिया। लेकिन, अफसोस आश्वासन महज आश्वासन ही साबित हुआ। दीपिका को समय पर इलाज नहीं मिलने से उसने दम तोड़ दिया था।