प्रदेश सरकार द्वारा ट्राइबल भवन शिमला के कमरों के 3 गुना किराया बढ़ाने के फैसले का हिमाचल युवा कांग्रेस ने विरोध किया है। युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने कहा कि ये बड़े शर्म की बात है कि इस वैश्विक महामारी के दौर में सरकार पीड़ित जनता की जेब खाली कर अपने गोदाम भरने के कार्य में जुटी है। उन्होंने कहा कि यह भवन मूल रूप से विद्यार्थीयों, मरीज़ो और कम आमदानी वाले वर्ग के लोगों द्वारा इस्तेमाल होता है।
शिमला का जनजातीय भवन जिसे हिमाचल प्रदेश के पूर्व पशुपालन मंत्री फुनच्चोक राय के द्वारा आमजन की सुविधा के लिए खोला गया। मात्र 100 रुपए में लोगों को ठहरने के लिए कमरे मिल जाते थे। लेकिन आज इसे बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया गया और पहले छात्र संगठनों के लिए कम्युनिटी हाल 3000 में उपलब्ध होता था उसे अब 8000 कर दिया गया और सेक्युइरिटी 10000 से बढ़ाकर 15000 कर दिया गया।
नेगी निगम भण्डारी ने कहा कि आज जब पूरा देश कोरोना की मार झेल रहा है और ऐसे में किराए बढाना सरासर अमानवीय है। उन्होंने कहा कि यह सरकार शुरूआत से ही जनजातीय लोगों के विरुद्व काम करती आई है चाहे वो बजट मे कटौती हो या विकास कार्यों में। 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या 6864602 है जिनमें से 392126, 5.71 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों के हैं। यह आंकड़ा देखकर आप समझ सकते हैं कि सरकार का रवेया ऐसा क्यूं है वो इस 5 प्रतिशत आबादी के बारे में क्यूं सोचे, इनका भला देखने में उनको क्या फायदा। बस इस फ़ायदे की राजनीति में जनजातीय लोगों का उत्पीड़न होता आ रहा है।
निगम ने कहा कि दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों के वहां अच्छे अस्पताल और शिक्षा केंद्रो की कमी है। इसी कारण किन्नौर, लाहौल स्पिति, भरमौर और अन्य जनजातीय क्षेत्रों से हज़ारों लोग हर साल शिमला आते हैं। घर से दूर आए इन लोगों के लिए ट्राइबल भवन आश्रय का एकमात्र सहारा है जिसे यह सरकार छीनने की पुरज़ोर कोशिश कर रही है। हम कड़े शब्दों में सरकार के इस कदम की आलोचना करते हैं और जब तक यह दरें कम ना की जाए हम इसके विरोध में खड़े रहेंगे। विपदा की इस घड़ी में प्रदेश युवा कांग्रेस जनजातीय क्षेत्र के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के विरुद्व लड़ेगी।