कुल्लू ज़िले की आराध्य देवी संध्या गायत्री जगतसुख 13 सालों के बाद शाही स्नान के लिए मणिकर्ण रवाना हो गयी हैं। माता का मणिकर्ण में शाही स्नान 12 मई रविवार को होगा। माता के रथ में सोने चांदी के आभूषणों का कार्य पूरा होने पर देवी ने मणिकर्ण में जाकर शाही स्नान करने की इच्छा जाहिर की थी। कारदार उत्तम चन्द नेगी ने बताया कि देवी की आज्ञा का पालन करते हुए देवी की पालकी के साथ हरियान और देउली आज मणिकर्ण में शाही स्नान के लिए रवाना हो गए हैं।
उहोंने बताया कि देवी की 100 किलोमीटर मणिकर्ण यात्रा 8 दिन में पूरी होगी। सभी लोग देवी के साथ पैदल सारा सफर तय करेंगे। देवी के कुल पुरोहित नितिन शर्मा ने बताया कि देवी 8 दिनों बाद 15 मई को मंदिर पहुंचगी और उसके पश्चात जगतसुख में स्थित गायत्री मन्दिर में गायत्री पुरश्चरण यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
गौरतलब है कि देश भर में माता संध्या गायत्री का प्राचीन मंदिर सिर्फ जगतसुख गांव में ही स्थित है जोकी 5000 साल पुराना है। जहां पर आज भी माता संध्या गायत्री की तीन रूपों में हर दिन पूजा की जाती है। मणिकर्ण में शाही स्नान होगा और माता 15 मई को बापिस अपने देवालय पहुंचेगी और 19 मई को बिशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।