सनातन धर्म में मकर संक्रांति को बहुत महत्व दिया जाता है. सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं. तब प्रवेश के साथ ही शादी, गृह प्रदेश, घर बनाना, घर खरीदना और मुंडन आदि जैसे हर प्रत्येक शुभ कार्य शुरू कर दिए जाते हैं.
मकर संक्रांति के दिन दान दक्षिणा और स्नान आदि का भी बेहद महत्व बताया गया है. मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी चीजों का दान किया जाता है.
इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 43 मिनट पर होगी. मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा.
वहीं, महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. उदयातिथि के अनुसार, पुण्यकाल और महापुण्यकाल में स्नान-दान करना शुभ होता है. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से से लेकर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. विजय मुहूर्त इस दिन दोपहर 02 बजकर 16 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 58 मिनट तक रहेगा.
मकर संक्रांति के दिन भूलकर न करें ये काम
मकर संक्रांति के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. मकर संक्रांति के दिन प्याज लहसुन से दूर रहना चाहिए. मांस का भी सेवन नहीं करना चाहिए.
मकर संक्रांति के दिन किसी के लिए गलत वाणी का प्रयोग नहीं करना चाहिए और ना किसी पर गुस्सा करना चाहिए. किसी के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए.
मकर संक्रांति के दिन पेड़ों की कटाई करना अशुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन तुलसी भी नहीं तोड़नी चाहिए. यह करना अशुभ माना जाता है.
इस दिन आप किसी भी तरह का नशा ना करें. शराब, सिगरेट, गुटका आदि जैसे सेवन से आपको बचना चाहिए. साथ ही इस दिन मसालेदार भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
इस दिन बिना स्नान किए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन गंगा या किसी नदी में जाकर स्नान करना चाहिए.
मकर संक्रांति के दिन अगर कोई भी आपके घर पर भिखारी, साधु या बुजुर्ग आए. तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए.