देशभर की तरह हिमाचल में भी 25 अगस्त को गणेश चतुर्थी की धूम रहेगी। इस साल गणेश चतुर्थी पर बप्पा 10 नहीं बल्कि 11 दिन तक हर घर में विराजेंगे। इस शुभ दिन पर 58 वर्ष बाद असाधारण संयोग भी बनेगा। इस साल 2017 में शनि की मार्गीय में गणेश जी विराजेंगे। यह शुभ घड़ी इससे पूर्व 1959 में बनी थी, जो इस पर्व को अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाएगी।
वहीं, शनि का खास प्रभाव भी 12 राशियों पर पड़ेगा। इस दिन से शनि सीधी चाल चलना आरंभ करेंगे। उससे उनका प्रकोप कम होगा। शनि वृश्चिक में 141 दिन तक वक्रीय होने के उपरांत 25 अगस्त से मार्गीय होंगे। जो श्रद्धालु गणपति को अपने घर लाकर उनका पूजन करेंगे, उन पर सारा साल प्रथम पूज्य और कर्म फलदाता की कृपा बनी रहेगी। इस दिन हस्त नक्षत्र में अमृत योग, रवि योग, शुभ योग एवं सूर्य, बुध दिव्य योग में गणपति स्थापना की जाएगी।
हस्त नक्षत्र में रवि योग, गज केसरी योग बनने से श्रद्धालुओं को विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होगी। शनिदेव 25 अगस्त को शाम को समय 5 बजकर 19 मिनट पर वृश्चिक राशि में मार्गी होंगे। इस दौरान गणेश उत्सव भी शुरू होगा, जो लगभग सभी राशियों के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करेगा। इस दिन शनि पूजन करने वाला उनका प्रिय बन जाएगा।
कहते हैं गणेश चतुर्थी की रात को चांद नहीं देखना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है। बैजनाथ मंदिर में निकाली जाएंगी झांकियां इस मौके पर कांगड़ा जिला के बैजनाथ मंदिर में गणेश पूजा धूमधाम से की जाती है। बैजनाथ मंदिर में 25 अगस्त से 3 सितंबर तक मनमोहक झांकियां निकाली जाती हैं।