गुरु नानक जी के जन्मदिन पर विश्वभर में धूमधाम से गुरु पर्व मनाया जा रहा है। गुरु पर्व को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है। शिमला में भी गुरु सिंह सभा द्वारा में गुरु पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह वाहे गुरु-वाहे गुरु जपते हुए प्रभात फेरी निकाली गई। गुरद्वारे में लंगर का आयोजन भी किया गया। गुरुद्वारों में शब्द-कीर्तन और गुणवाणी का पाठ किया गया। बता दें कि आज हिन्दू धर्म की कार्तिक पूर्णिमा भी मनाई जा रही है।
गुरु सिंह सभा के महासचिव सेवा सिंह ने बताया कि गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु थे। आज 550वीं गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है। सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म 1526 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ। सिख धर्म के अनुयायी इस दिन को प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के नाम से मना रहे हैं। सिखों के प्रथम गुरु नानक साहब को इनके अनुयायी नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक देव ने अपने समय की रूढ़ियों पर प्रहार कर लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने की नसीहत दी।
लद्दाख और तिब्बत में गुरु को लामा भी कहा जाता है। नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु – सभी के गुण समेटे हुए थे। गुरू पर्व एक ऐसा खास दिन है जिसमें सिख समुदाय के लोग खुशी के रूप में अपनों को ढेर सारी शुभकामनाएं देते हैं।