दीपावली पर्व पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है. 24 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। इसी दिन लक्ष्मी माता की पूजा भी की जाएगी। यह पूजा अवधि के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 6:53 से रात 8:16 बजे तक है.
यानी कुल मिलाकर एक घंटा व 21 मिनट तक का शुभ मुहूर्त है। प्रदोष काल शाम 5:43 से 8:16 बजे तक है और बृषभकाल शाम 6:54 से 8:50 बजे तक का है.
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन विधि-ज्योतिषाचार्य पूर्व शर्मा बताते हैं कि लक्ष्मी की दिशा उत्तर मानी गई है. ऐसे में उत्तर दिशा में भगवती लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए. पहले कलश को तिलक लगाकर पूजा आरम्भ करें. इसके बाद अपने हाथ में फूल और चावल लेकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का ध्यान करें. ध्यान के पश्चात भगवान श्रीगणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर फूल और अक्षत अर्पण करें. फिर दोनों प्रतिमाओं को चौकी से उठाकर एक थाली में रखें और दूध, दही, शहद, तुलसी और गंगा जल का चिड़काब
करे इसके बाद स्वच्छ जल से स्नान कराकर वापस चौकी पर विराजित कर दें. स्नान कराने के उपरांत लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को टीका लगाएं. माता लक्ष्मी और गणेश जी को हार पहनाएं. इसके बाद लक्ष्मी गणेश जी के सामने बताशे, मिठाइयां फल, पैसे और सोने के आभूषण रखें. फिर पूरा परिवार मिलकर गणेश जी और लक्ष्मी माता की कथा सुनें और फिर मां लक्ष्मी की आरती उतारें. दीपावली को धन के देवता कुबेर और विद्या की देवी सरस्वती का भी पूजन करना चाहिए.
दीपावली पर व्यापारी ऐसे करें पूजन..
दीपावली पर व्यापारियों को नए बहीखातों की शुरुआत करनी चाहिए. इसके बाद उसे एक लाल रंग के वस्त्र पर अक्षत और पुष्प डालकर रख दें. इसके बाद पहले पन्ने पर रोली या चंदन से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।. इसके बाद गणपति पूजन और लेखनी पूजन करके भगवती लक्ष्मी का पूजन करें.
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