कोरोना महामारी के खतरे के ऊपर श्रद्धा भारी पड़ी है। साल के पहले दिन प्रदेश के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्ज की गई। हिमाचल के विख्यात शक्तिपीठों और सिद्धपीठों में 1.75 लाख से अधिक लोगों ने मत्था टेका। आपको बता दें कि आमतौर पर 1 से 1.5 लाख लोग दर्शन करते हैं।
2 सालों के बाद कोरोना काल की बंदिशों में मिली छूट के कारण लोग भारी संख्या में प्रदेश के मंदिरों में पहुंचे। श्रद्धालुओं का उत्साह शिमला की आंतकी धमकी या वैष्णो देवी मंदिर में हुई भगदड़ भी कम नहीं कर पाई। लेकिन वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ की खबर के बाद राज्य के मंदिरों में चौकसी बढ़ा दी गई है। श्रद्धालुओं को लाइनों में रखने के लिए पुलिस जवान दिनभर नजर रख रहे हैं।
प्रदेश के मंदिरों में सबसे ज्यादा श्रद्धालु नयनादेवी में उमड़े। यहीं 70 हजार लोगों ने दर्शन किए, ज्वालाजी में नए साल पर 25 हजार, चामुंडा में 20 हजार, कांगड़ा मंदिर में 5 हजार, चिंतपूर्णी में 27 हजार और सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध में 25 हजार श्रद्धालुओं ने शीश झुकाया।
नयनादेवी मंदिर में शुक्रवार रात को ही कपाट खोल दिए गए थे जबकि ज्वालामुखी मंदिर में सुबह पांच बजे से श्रद्धालु अंदर आना शुरू हो गए। ज्वालाजी में तो कोरोना काल में बंद किए गए लंगर को 21 महीने बाद शुरू किया गया।
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