<p>चूड़धार पर्वत हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है। चूड़धार पर्वत समुद्र तल से 11965 फीट (3647 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है। यह पर्वत सिरमौर जिले और बाहय हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है। सिरमौर, चौपाल, शिमला, सोलन और उत्तराखंड के कुछ सीमावर्ती इलाकों के लोग इस पर्वत में धार्मिक आस्था रखते हैं। चूड़धार को श्री शिरगुल महाराज का स्थल माना जाता है। क्योंकि इस जगह शिरगुल महाराज का मंदिर भी स्थित है। शिरगुल महाराज सिरमौर और चौपाल के देवता है।<br />
<br />
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार चूरू नाम का शिव भक्त, अपने पुत्र के साथ इस मंदिर में दर्शन के लिए आया था। उसी समय अचानक चटटानों के बीच से विशालकाय सांप बाहर आ गया। चूरु और उसके बेटे को मारने के लिए सांप उनकी तरफ दौड़ा। उन्होंने अपने प्राणों की रक्षा के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की। भगवान शिव की कृपा से चट्टानों का एक हिस्सा उस सांप ऊपर जा गिरा जिससे वह सांप वहीं पर ढ़ेर हो गया और चूरु और उसके पुत्र के प्राण बच गए। कहा जाता है की उसके बाद से ही यहां का नाम चूड़धार पड़ा और लोगों की श्रद्धा इस मंदिर में और अधिक बढ़ गई और यहां के लिए धार्मिक यात्राएं शुरू हुई।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(4638).jpeg” style=”height:360px; width:640px” /></p>
<p>एक बहुत बड़ी चट्टान को चूरु का पत्थर भी कहा जाता है जिससे धार्मिक आस्था जुड़ी है‌। माना जाता है कि चूड़धार स्थित शिरगुल माहाराज की कनाली (आटा गूंथने का बरतन जिसको प्रात भी कहा जाता है ) इस पत्थर में ही शिरगुल महाराज (शिवजी) आटा गूंथा करते थे। जिसके निशान इस विशाल शिला पर हाथ की उंगलियों और मुठी के रूप में देखे जा सकते है।</p>
Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…
NCC Raising Day Blood Donation Camp: एनसीसी एयर विंग और आर्मी विंग ने रविवार को…
Sundernagar Polytechnic Alumni Meet: मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में रविवार को…
Himachal Cooperative Sector Development: मंडी जिले के तरोट गांव में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी…
NSS Camp Day 6 Highlights.: धर्मशाला के राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में चल रहे…
Bhota Hospital Land Transfer: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राधास्वामी सत्संग व्यास अस्पताल भोटा की…