देश-दुनिया में विख्यात अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज आज भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ हुआ। 225 के करीब देवी-देवता और हजारों लोग इस देव महाकुंभ में शिरकत करने ढालपुर मैदान में पहुंचे। रथ मैदान से सभी देवी-देवता अठारह करड़ू के सौह (ढालपुर मैदान) के अस्थायी शिविरों में विराजमान हुए।
कुल्लू में दूर-दराज से देवी-देवताओं के पहुंचने का क्रम लगातार जारी है। अपने बाद्य यंत्रों व हारियानों के साथ देवता कुल्लू पहुंचने लगे हैं। बाद्य यंत्रों की गूंज से पूरी कुल्लू घाटी देवमय हो गई है। यहां पर सात दिनों तक देवर देवता विराजमान रहेंगे और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे।
कुल्लू में अभी तक करीब 225 से ज्यादा देवी-देवता पहुंच चुके हैं और अभी भी अन्य देवी देवताओं के आने का क्रम जारी है। भगवान रघुनाथ के रथ को भव्य तरीके से सुबह से ही साज सजावट का कार्य आरंभ हो चुका है। पहली बार मनाली के जगतसुख के शिरघन नाग और सैंज से देवता वनशीरा पहुंचे हैं। रथयात्रा से पहले भगवान रघुनाथ के निवास स्थान रघुनाथपुर में सभी देवी-देवता ने शीश नवाया।