शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी पर पूजा-हवन किया जाता है। महानवमी पर हवन करने से ही नवरात्रि में की गई मां दुर्गा की पूजा-आराधना का पूरा फल मिलता है। इस साल अश्विन महीने की नवरात्रि की नवमी 14 अक्टूबर 2021 को मनाई जाएगी।
इस दिन हवन-पूजन करने के अलावा कन्या पूजन भी किया जाता है। कन्याओं को भोजन कराके उन्हें भेंट दी जाती है। महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।
नवरात्रि की महानवमी तिथि 13 अक्टूबर को रात 08:07 मिनट से 14 अक्टूबर को शाम 06:52 मिनट तक रहेगी। इस दौरान पूजा के लिए शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04:42 से 05:31 तक और अभिजित मुहूर्त सुबह 11:44 AM से 12:30 PM तक रहेगा। साथ ही इस बार 14 अक्टूबर को सुबह 9:36 बजे से पूरे दिन रवि योग भी रहेगा।
नवमी के दिन सुबह जल्दी नहाकर साफ कपड़े पहनें। मां सिद्धिदात्री के लिए प्रसाद तैयार करें. मां को भोग में नवरस युक्त भोजन और 9 प्रकार के फूल-फल चढ़ाने चाहिए। इसके बाद धूप-दीप जलाएं, मां की आरती करें। नवमी के दिन मां के बीज मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इससे भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही पूरे विधि-विधान से हवन करना चाहिए।
आखिर में 2 से 10 साल की कन्याओं का पूजन करना चाहिए। उन्हें हलवा-पूरी का भोजन कराना चाहिए और भेंट देकर विदा करना चाहिए। यदि 9 कन्याएं ना बुला पाएं तो 2 कन्याओं का पूजन भी कर सकते हैं।