होली से आठ दिन पहले 14 मार्च को होलाष्टक और अशुभ माना जाने वाला मीन मलसास शुरू हो गया था। जिस कारण से शादियों और अन्य शुभ कामों में ब्रेक लगी हुई थी। लेकिन मलमास खत्म होते ही 16 अप्रैल से विवाह शादियों के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो गया है । अप्रैल महीने में 4 शुभ मुहूर्तों में फेरे लिए जा सकेंगे। जबकि अगले महीने मई में सबसे ज्यादा 10 श्रेष्ठ मुहूर्त में शहनाइयां बजेंगी।
हिन्दू शास्त्रों के देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाने से चार महीने तक शुभ संस्कारों पर रोक लग जाती है। इस साल 12 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस दिन के बाद से 7 नवंबर तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। 8 नवंबर को तुलसी एकादशी पर तुलसी-शालिग्राम का ब्याह करने की परंपरा निभाने के बाद फिर विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। नवंबर में पहला मुहूर्त 19 को पड़ेगा। नवंबर में भी मात्र तीन और दिसंबर में दो मुहूर्त में विवाह किया जा सकेगा।