आज पूरे देश सहित प्रदेश भर में भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पर्व महाशिवरात्रि पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है। शिवरात्रि के पर्व पर सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्तों का जन सैलाब उमड रहा है। हर हर महादेव, बम बम भोले के नारों से मंदिर गूंज रहे हैं। अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भक्त मंदिर पहुंच रहे हैं शिवलिंग पर जलाभिषेक कर शिव की अनुकंपना पाने की कामना कर रहे हैं।
ऐसी मान्यता है जो भक्त श्रद्धा से शिवरात्रि के दिन ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक करते हैं उनकी भोलेनाथ मनोकामना को पूरी कर देते हैं। भक्तों का कहना है कि भगवान भोलेनाथ बहुत ही सरल स्वभाव के हैं और वह भक्त की मनोकामना को पूरी कर रहे हैं।
इसलिए मनाई जाती है महाशिवरात्रि
शिवरात्रि को मनाने की पीछे कई कथाएं प्रचलित हैं। बताया जाता है कि आज के दिन मध्यरात्रि को नीलकंठ, त्रिनेत्रधारी भगवान शिव ने हिमालय पुत्री देवी पार्वती के साथ विवाह रचाया था, तब से शिवभक्त इस दिन को शिवरात्रि के रुप में मनाते चले रहे हैं।
वहीं कहा जाता है एक बार पार्वती ने शिव से पूछा था कि हे देव आपकी कृपा पाने का श्रेष्ठ उपाय क्या है? व्रत पूजा पाठ क्या है? जिससे मृत्युलोक के वासी सहज से रुप से प्राप्त कर सकते हैं तो भगवान शिव ने शिवरात्रि का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था जो भक्त श्रद्धा के साथ शिवरात्रि को मेरी पूजा करेंगे उनकी मनोकामना पूरी हो जाएगी।
यही कारण की है कि शिव भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार मंदिरों में सुबह से पूजा पाठ कर रहे हैं। शिवरात्रि को भक्त शिवलिंग पर बेल पत्र, बेर, धातूरा, भांग पुष्प आदि को चढ़ाते हैं।