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कन्या देवी के श्राप से बेटी से विवाह रचाने गया राजा, बारातियों संग बन गया पत्थर

पी. चंद |

पहाड़ी प्रदेश हिमाचल के चप्पे चप्पे पर देवी-देवता रमण करते है। यहां हर जगह का अपना अद्भुत एक इतिहास है जिसे सुनते ही लोग दांतो तले उंगली दबा लेते हैं। ऐसी ही एक एतिहासिक कहानी सुलह के कन्या देवी मंदिर से जुडी हुई है। जहां  झरेट गांव में कोहड़ी पत्थर को लोग आज भी नफ़रत की निगाहों से देखते है। मंदिर के पास ही ये बदसूरत सा बड़ा पत्थर है। इसके अलावा भी क्षेत्र में कई छोटे छोटे बदसूरत पत्थर भी हैं।

माना जाता है की ये जो बड़ा बदसूरत सा दिखने वाला पत्थर है ये एक राजा है जो अपनी बेटी के श्राप से पत्थर बन गया। क्योंकि राजा अपनी ही बेटी से  विवाह करने आया था और बेटी के श्राप से पत्थर में तब्दील हो गया। क्षेत्र में इसी तरह के छोटे छोटे बदसूरत पत्थर देखने को मिलते हैं स्थानीय लोगों का कहना  है कि ये राजा के साथ आए बाराती थे।

किमदन्ति के अनुसार द्वापर में योल रियासत के  राजा के घर एक कन्या ने जन्म लिया। राजा के पुरोहित ने बताया कि ये  जब कन्या राजा के विनाश का कारण बनेगी। पुरोहित से उपाय पूछने पर बताया कि बेटी को दान करने कर दो। राजा ने कन्या का किसी को दान कर दिया। सालों बाद राजा ने उस क्षेत्र में उसी सुंदर कन्या को देखा तो उसकी खूबसूरती पर मुग्ध हो गया और जबरन अनजाने में अपनी ही लड़की से विवाह करने बारात लेकर पहुंच गया। लेकिन कन्या ने राजा को इस भूल के लिए श्राप दे दिया। परिणामस्वरूप बारात सहित राजा पत्थर में तब्दील हो गई। कहा जाता है कि कन्या भी कुछ ही दूरी पर अदृश्य हो गई। जिस जगह बाद में कन्या के प्रकट हुई उस जगह पर कन्या देवी का मंदिर बना हुआ है।