समूचे भारतवर्ष में आज से कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। तब से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बाजारों गलियों में खूब धूम रहती थी लेकिन इस मर्तबा कारोना ने इस पर्व का रंग भी फ़ीका कर दिया है।
हिन्दू पंचांग के मुताबिक़ अबकी बार अष्टमी की तिथि 11 अगस्त यानि आज सुबह 9 बजकर 6 मिनट से आरंभ होकर अष्टमी की तिथि 12 अगस्त को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो रही है। 11 अगस्त को भरणी और 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र है। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आता है जो 13 अगस्त को रहेगा। इसीलिए कुछ स्थानों पर 13 अगस्त तक भी जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी की पूजा के लिए रात का ही महूर्त शुभ माना जाता है। क्योंकि, भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को ही हुआ था। 12 अगस्त को पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट रहेगा यानी पूजा की अवधि 43 मिनट है। व्रत रखने वाले याचक 12 अगस्त को रख सकते है।