अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. अहोई अष्टमी का व्रत अहोई माता को समर्पित है. इस दिन माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु और सुख-सपन्नता के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. फिर रात को तारों को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है.
वहीं, इस साल अहोई अष्टमी व्रत की तारीख को लेकर लोग बहुत कन्फयूज हैं. उन्हें अब तक समझ नहीं आया है कि अहोई का व्रत 17 अक्तूबर को रखें या 18 अक्तूबर को रख सकते है.
आपको बता दें कि हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक कृष्ण अष्टमी को अहोई का व्रत रखा जाएगा और यह तिथि 17 अक्तूबर को सुबह 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी और 18 अक्तूबर को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर इसका समापन होगा.
अहोई अष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 17 अक्तूबर को शाम 06 बजकर 14 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. पूजा की अवधि 01 घंटा 14 मिनट होगी.
अहोई अष्टमी पर शुभ योग मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा और विजय मुहूर्त शाम 5 बजकर 50 मिनट से लेकर 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगा.
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