कांगड़ा जिला के परागपुर के निकटवर्ती डांगड़ा गांव में स्थित बाबा सिद्ध चानो मंदिर की मान्यता दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि बाबा सिद्ध चानो के दर में सच्चे मन से मन्नत मांगी जाए तो वो हमेशा पूरी होती है। बाबा सिद्ध चानो इतने दयालु हैं कि वह अपने दरबार में सच्ची श्रद्धा से मन्नत मांगने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की पुकार उसी वक्त सुनकर अपना फैसला सुना देते हैं। यही कारण है कि बाबा के दर हिमाचल भर से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी भक्त खींचे चले आते हैं।
इस मंदिर के बारे में एक कथा प्रचलित है। चाणूर नाम के एक मल्लयोद्धा की पत्नी का नाम लूणा था। चाणूर को मल्ल सम्राट की उपाधि हासिल थी, जिससे उसका नाम दूर-दूर तक मशहूर था। भगवान श्रीकृष्ण ने चाणूर को वरदान दिया कि तुम कलियुग में बाबा सिद्ध चानो के नाम से विख्यात होगें व जो भी भक्त आपके दरबार में कोई मन्नत मांगेगा तुरंत उसकी मनोकामना पूरी होगी। तब से लेकर आज तक जो कोई भी चानो सिद्ध मंदिर में पुकार करता है उसको इन्साफ जरूर मिलता है।
वैसे तो इस मंदिर में हर दिन ही भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार के दिन यहां आने वाले भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। यहां हर शनिवार, मंगलवार और रविवार को मेले लगते हैं।
लोग नई फसल का ओरा चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। घर में सुख और समृद्धि के लिए बाबा सिद्ध चानो के मंदिर में प्रार्थना करते हैं। बाबा सिद्ध चानो को न्याय का देवता और सच्ची सरकार के रूप में पूजा जाता है। कहा जाता है कि जिसे कहीं न्याय नहीं मिलता उसे बाबा सिद्ध चानो के दरबार में जरूर न्याय मिलता है।