भारत का प्रर्दशन एशियन गेम्स में पहले से ही काफी सराहनीय रहा है। भारत में हमेशा शूटिंग, रैसलिंग, वेटलिफ्टिंग मैडल जिताने वाले इवैंट रहे हैं। लेकिन इस बार इन खेलों में निराशा हाथ लगी। वहीं सुशील कुमार के अलावा बॉक्सिंग, वेटलिफ्टिग टीम के कई दिग्गज ढह गए।
लेकिन इस एशियन गेम्स में बड़ी बात यह रही कि भारत को एथलैटिक्स में नए चैंपियन खिलाड़ी मिले। नीरज चोपड़ा, तेजिंद्रपाल तूर, दुत्ती चंद, हिमा दास के अलावा अब शूटिंग में सौरभ चौधरी तो बॉक्सिंग में अमित पंघल पर अगले साल होने वाले तोक्यो ओलंपिक में मैडल लाने की जिम्मेदारी रहेगी।
इन खिलाड़ियों ने चौंकाया
घुड़सवारी : 26 साल के घुड़सवार फवाद मिर्जा ने एकल में सिल्वर तो टीम इवैंट में भी भारत को सिल्वर दिलाया।
ब्रिज : भारत ने पहली बार हिस्सा लिया और मैंस और मिक्स्ड इवैंट में 2 ब्रॉन्ज तो मैंस पेयर में गोल्ड मैडल जीता।
एथलैटिक्स: शॉटपुट इवैंट में तेजिंदर पाल सिंह तूर के अलावा मैंस 800 मीटर दौड़ में मनजीत सिंह, मैंस ट्रिपल जंप में अरपिंदर सिंह, मैंस 1500 मीटर में जिनसन जॉनसन ने गोल्ड मैडल हासिल किया। यही नहीं वूमैंस 4 गुना 400 मीटर रिले में भी भारत को गोल्ड मैडल मिला। एथलैटिक्स में भारत हमेशा से अच्छा प्रदर्शन करता आया है। ऐसे में अब उ मीद है कि भारत ओलंपिक में इस इवैंट में कोई गोल्ड जीतेगा।
जिनसन जॉनसन
वुशु : भारत को पहली बार वुशु खिलाड़ी रोशबिना, संतोष, सूर्या भानू प्रताप सिंह, नरेंद्र ग्रेवाल ने ब्रॉन्ज दिलाया।
सिपाक टेकरा : वॉलीबाल से जुड़े इस इवैंट में भारत की मैंस टीम ने ब्रॉन्ज जीतकर सबको हैरान कर दिया।
इन खिलाड़ियों ने किया निराश
रैसलिंग : मैडल के दावेदार सुशील कुमार पहले राऊंड में ही बाहर हो गए। बाकी रैसलर भी दम नहीं दिखा पाए।
तीरंदाजी : दीपिका कुमारी, शरथ कमल से उम्मीदें थीं लेकिन सभी प्लेयर्स एक-एक कर इवैंट से बाहर होते गए।
कबड्डी : कबड्डी पुरुष और महिला वर्ग में भारत अब तक अजेय था। लेकिन भारत का यह वर्चस्व तोड़ा ईरान ने। पुरुष टीम को सैमीफाइनल में तो महिला टीव को फाइनल में ईरान ने हराया। दोनों भारतीय टीमों के कबड्डी कोच की मानें तो भारत को अतिआत्मविश्वास ले डूबा।
हॉकी : लीग मैच में 76 गोल करने वाली इंडिया सैमीफाइनल में बाहर हुई।
बैडमिंटन : सिंधू और साइना के अलावा कोई भी मैडल हासिल नहीं कर पाया।
इनसे उम्मीदें
अमित पंघल : भारत की ओर से एशियन गेम्स में 10 बॉक्सर भेजे गए। इनमें से सिर्फ अमित पंघल ही मैडल (गोल्ड) जीते।
सौरभ चौधरी : शूटिंग इवैंट में 15 साल के सौरभ चौधरी ने गोल्ड तो शार्दुल विहान ने सिल्वर मैडल जीत उम्मीदें जगाईं।
हिमा दास : वल्र्ड अंडर-20 में भारत के लिए पहली बार गोल्ड लाने वाली हिमा ने एशियन गे स में भी निराश नहीं किया। उन्होंने एक गोल्ड तो 2 सिल्वर जीते। हिमा अभी 18 साल की है ऐसे में उनसे काफी उम्मीदें होंगी।
दत्तु बबन : रोविंग में उभरता नाम है दत्तु बबन। इन्होंने रोविंग टीम इवैंट में भारत को गोल्ड मैडल दिलवाया है।
विनेश फोगाट : ओलंपिक में चोट के कारण बाहर हुई विनेश ने शानदार वापसी कर गोल्ड मैडल पर कब्जा जमाया।
ये हमारे हीरो
नीरज चोपड़ा : रिकॉर्ड 88.06 मीटर भाला फैंककर गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा (20) का भविष्य उज्ज्वल है।
पी.वी. सिंधू: सिंधू ने बैडमिंटन एकल में सिल्वर जीतकर दिखा दिया कि वह अभी भी भारत की नंबर वन शटलर हैं।
बजरंग पूनिया : गोल्ड कोस्ट कॉमनवैल्थ गे स के बाद एशियन गेम्स में गोल्ड जीता। ओलंपिक में मैडल की सबसे बड़ी उ मीद इन्हीं से है। 24 साल का यह पहलवान दिन-ब-दिन अपना खेल निखारता जा रहा है।
दुत्ती चंद : जैंडर विवाद के बाद लौटीं दुत्ती ने 100 और 200 मीटर इवैंट में सिल्वर जीत आलोचकों का मुंह बंद किया।
स्वप्ना : मुश्किल हालातों से निकलकर वूमैंस हैप्टथॉलन इवैंट में गोल्ड लाने वाली स्वप्ना पर नजरें बनी हुई हैं।
सेलिंग और रोविंग में निखर रहा भारत
हालांकि इंडिया रोविंग में अब तक 23 तो सेङ्क्षलग में 17 मैडल हासिल कर चुका है। लेकिन इन गेम्स की याद तभी आती है जब एशियन गेम्स का इवैंट पास आता है। जो भी हो इन छोटे-छोटे खेलों से भारत एक बार फिर से ऊपर रहा है। अगर इन इवैंट्स में भारतीय खिलाड़ी इसी तरह मेहनत करते रहेंगे तो वो दिन दूर नहीं होगा जब खेल भारत को ओलंपिक मैडल दिलाएंगे।
इन गुमनाम खेलों में मिले भारत को मैडल
सेलिंग- एक सिल्वर तो 2 ब्रॉन्ज मैडल
सेलिंग- एक सिल्वर तो एक ब्रॉन्ज मैडल
ब्रिज- एक गोल्ड तो 2 ब्रॉन्ज मैडल
घुड़सवारी- 2 सिल्वर मैडल
सिपाक टेकरा- एक ब्रॉन्ज मैडल
कुराश- एक सिल्वर मैडल।