टोक्यो ओलिंपिक्स में हॉकी में शानदार प्रदर्शन के चलते देश में खेलों के सबसे ऊँचे पुरस्कार को अब मेजर ध्यान चंद के नाम से जाना जायेगा।
केंद्र ने सरकार ने आज फैसला लेते हुए खेल रत्न पुरस्कार का अब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जगह हॉकी के 'जादूगर' कहे जाने बाले मेजर ध्यानचंद के नाम से जाना जायेगा। अब इसे मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिये जानकारी देते हुए लिखा, "देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। "
मेजर ध्यानचंद ने भारत को तीन ओलिंपिक्स में सवर्ण पदक दिलवाने में अहम भूमिका निबाई थी। 1936 के ओलिंपिक्स में उन्होंने ने हॉकी टीम की कप्तानी का दारोम-दार भी सँभाला था। जो स्थान डॉन ब्रॅडमन का क्रिकेट और पेले का फुटबॉल में है, वह मेजर ध्यानचंद का हॉकी में माना जाता है।