जसवां-परागपुर विकास परिषद् द्वारा आज शिमला में आयोजित विद्यार्थियों से संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि पुस्तक में लिखे शब्द के साथ-साथ उसका भाव भी समझना आवश्यक है।