"लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती." इस महशूर कविता को फोर्टिस हॉस्पिटल कांगड़ा के डॉक्टरों ने सच साबित करके दिखाया है.