यह तो सब मानते हैं कि पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। उनकी खुशी के लिए अपना सुख भी भूल जाते हैं। पर उनकी इस बात की कहीं चर्चा तक नहीं होती है। इसी को देखते हुए 2012 में संयुक्त राष्ट्र ने यह घोषणा की कि अब हर साल 1 जून दुनिया भर के अभिभावकों को समर्पित किया जाएगा।
यह दिन ‘ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स’ के रूप में मनाया जाएगा। ऐसा करके संयुक्त राष्ट्र दुनिया को संदेश देना चाहता है कि बच्चों के विकास में सबसे ज्यादा और बड़ा योगदान उनके माता-पिता का ही होता है। तो इस बार 1 जून को अपने पेरेंट्स को ‘हैप्पी पेरेंट्स डे’ कहना मत भूलना।
माता-पिता दिवस दक्षिण कोरिया में 8 मई और संयुक्त राज्य अमेरिका में जुलाई के चौथे रविवार को मनाया जाता है। दक्षिण कोरियाई पदनाम की स्थापना 1973 में हुई थी, जिसने पहले 8 मई को मातृ दिवस की जगह ली थी, और इसमें सार्वजनिक और निजी समारोह शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका का दिन 1994 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के तहत बनाया गया था।
1 जून को संयुक्त राष्ट्र ने अभिभावकों के वैश्विक दिवस के रूप में भी घोषित किया गया है। अपने बच्चों के प्रति माता-पिता की प्रतिबद्धता के लिए सराहना की। फिलीपींस में, जबकि यह कड़ाई से मनाया या मनाया नहीं जाता है, प्रत्येक वर्ष दिसंबर के पहले सोमवार को माता-पिता दिवस के रूप में घोषित किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के बाद से हर साल 1 जून को अभिभावकों को समर्पित होता है। इस दिन को ‘ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स’ के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र दुनिया इससे ये संदेश देना चाहता है कि बच्चों के विकास में सबसे ज्यादा और बड़ा योगदान उनके माता-पिता का ही होता है।
माता-पिता का होता है जीवन में अहम रोल
आपको बता दें ऐसे तो हर दिन अपने माता-पिता का खास ख्याल रखना चाहिए लेकिन आज के दिन उन्हें अपने जीवन और हर ख़ुशी का ध्यान रखने के लिए धन्यवाद करें और इस खास मौके पर उन्हें खुशी दें। बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए, अभिभावकों का वैश्विक दिवस यह संदेश भी देता है कि बच्चों का पोषण और संरक्षण परिवार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। व्यक्तित्व और सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए, बच्चों को परिवार के माहौल, खुशी, प्यार और समझ के माहौल में बड़े होने की आवश्यकता है।
माता-पिता अपनी हर खुशी को भुलाकर अपने बच्चों की हर इच्छा को पूरा करते हैं। परन्तु हम आज का दिन कैसे भूल सकते हैं जो बनाया ही माता-पिता के लिए गया है। भला यह भी कैसे मुमकिन हो सकता है कि जो अपना सारा जीवन बच्चों पर न्यौछावर कर देते हैं उनके लिए सिर्फ एक ही दिन। उनके लिए हर दिन माता-पिता दिवस ही होना चाहिए।
इसी के साथ संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विशेषता परिवार-उन्मुख नीतियां गरीबी और भूख दूर करने के लिए विकास लक्ष्यों जैसे सभी उम्र के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और कल्याण को बढ़ावा देना, जीवन भर शैक्षिक अवसरों को सुनिश्चित करना और लैंगिक समानता प्राप्त कराने की उपलब्धि में योगदान कर सकती हैं।