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देश की पहली महिला BSF में बनी “कॉम्बैट” ऑफिसर

समाचार फर्स्ट डेस्क |

 BSF के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई महिला कॉम्बैट ऑफिसर बनी है। राजस्थान की रहने वाली इस महिला का नाम तनुश्री पारिक है। BSF एकेडमी कैंप में पासिंग आउट सेरेमनी के दौरान तनुश्री ने 67वीं ट्रेनी ऑफिसर्स की परेड को लीड किया।

इस सेरेमनी में गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। समारोह के दौरान उन्होंने तनुश्री के कंधों पर रैंक स्टार्स लगाए। अब तनुश्री की पोस्टिंग पंजाब में होगी, जहां वे इंडिया-पाकिस्तान बॉर्डर पर एक यूनिट को कमांड करेंगी। ऐसा 51 साल में पहली बार होगा जब कोई महिला कॉम्बैट बनी हैं और वे BSF में अपनी सेवाएं देगी।

इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दीक्षांत परेड समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सीमा सुरक्षा को लेकर भारतीय सरकार नया रोड मैप लेकर आ रही है। जिसके तहत भारत-बांग्लादेश और भारत-पाक सीमाओं को सील किया जाएगा। इसे थ्री-लेयर सिक्योरिटी (त्रि-स्तरीय सुरक्षा) तकनीक नाम दिया गया है। इसकी मदद से 3 हजार 323 किलोमीटर के दायरे में आने वाले जंगल, पहाड़, पानी और दलदल क्षेत्र को सील किया जाएगा।

इसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह साहस और शौर्य से सीमा सुरक्षा बल का नाम रोशन करने वाले बीएसएफ दिव्यांग सहायक कमांडेंट संदीप मिश्रा से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे। गृहमंत्री ने उनके घर दोपहर का भोजन किया।

गौर रहे कि साल 2000 में असम में पदस्थापना के दौरान उल्फा उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में लगी गोली से संदीप मिश्रा की दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी।