हिमाचल के सोलन में जंगल के बीच स्थित है एक ऐसा मंदिर जहां जाकर आपको स्वर्ग जैसा अहसास होगा और भटका हुआ मन एकदम शांत हो जाएगा। यहां का मनमोहक नजारा और खूबसूरती देख कायल हो जाएंगे और बार-बार यहां आना चाहेंगे। हम बात कर रहे हैं सोलन के जटोली शिव मंदिर की, जोकि उत्तर भारत का सबसे ऊंचा मंदिर है। वहीं अगर शिव मंदिरों की बात करें तो यह भारत का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। यह मंदिर कर्नाटका शैली से बनाया गया है और इसकी ऊंचाई 124 मीटर है।
स्वामी कृष्ण चंद ने त्रिशूल के प्रहार से जमीन में से पानी निकाला था पानी
यह मंदिर सोलन से सात किलो मीटर दूर एकांत में हिमाचल के वनों के बीच स्थित है। इस पवित्र स्थान पर स्वामी परमहंस ने अपने तपोबल से एकजल कुंड उत्पन्न किया। इस कुंड का पवित्र पानी आज भी लोगों की मनोकामना पूर्ण कर रहा है। लाखों लोगों की इस विशाल शिव मंदिर और स्वामी संस्थापक ब्रह्मलीन कृष्णानंदपरमहंस जी के समाधि स्थल पर अगाध श्रद्धा व अटूट विश्वास है। कहा जाता है कि बाबा एक गुफा में रहते थे, जटोली मंदिर में पहले पानी की समस्या थी और गांव में सूखा पड़ा रहता था। लोगों को कई किलोमीटर चल कर पानी भरने जाना पड़ता था। तब यहां आये स्वामी कृष्ण चंद ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की और त्रिशूल के प्रहार से जमीन में से पानी निकाल दिया। तब से लेकर आज तक जटोली में पानी की कोई समस्या नहीं हुई।
जटोली शिव मंदिर की स्थापना श्री श्री 1008 स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज ने की थी। स्वामी कृष्णानंद परमहंस 1950 में जटोली आए थे। 1974 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। इसका निर्माण करने में 39 साल लगे थे। जटोली में मंदिर की स्थापना स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने 1973 की थी, जो 1983 में ब्रह्मलीन हो गए।