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रोज़ डे स्पेशल: कैसे प्रेम का प्रतीक बना गुलाब का फूल?

समाचार फर्स्ट |

रोज़ डे से वैलेंटाइंस वीक की शुरुआत होती है। आज की दुनिया में गुलाब को प्रेम का प्रतीक माना जाता है और इसी दिन से वैलेंनटाइंस वीक शुरु होता है। गुलाब का प्रेम से संबंध बहुत पुराना है। अगर आप ROSE के अक्षरों को ठीक तरीके से व्यवस्थित करते हैं तो यह बन जाता है 'EROS' जो प्रेम के देवता है।  

ग्रीक माइथोलॉजी बताती है कि प्रेम की देवी Venus का भी गुलाब पसंदीदा फूल हैं। रोज डे को लेकर कहा जाता है कि मुगल बेगम नूरजहां को लाल गुलाब सबसे अधिक प्रिय था। कहते हैं कि नूरजहां के दिल को खुश करने के लिए उनके शौहर रोज टनों के हिसाब से ताजे गुलाब उनके महल भिजवाया करते थे।

गुलाब उन तीन फूलों में से एक है जिसका जिक्र बाइबल में मिलता है। हिंदू धर्म में गुलाब और कमल दो फूल हैं जिन्हें काफी मान्यता दी गई है। खास तौर पर भगवान कृष्ण की पूजा में गुलाब का प्रयोग होता है।

काला नहीं गहरा लाल होता है गुलाब

कई लोग मानते हैं कि काला गुलाब नफरत का प्रतीक है। लेकिन, ऐसा नहीं है, गुलाब काला नहीं होता। जिसे हम-आप काला गुलाब मानते हैं वो गहरा लाल गुलाब होता है। इतना गहरा कि आंखों को काला लगे। गुलाब को फूल के साथ-साथ खाने की तरह से भी इस्तेमाल किया जाता है। भारत में गुलाब से गुलकंद बनाने का रिवाज़ है। इसी तरह यूरोप में गुलाब से वाइन बनाने का चलन है। गुलाब में विटामिन सी होता है, जिससे कुछ जगहों पर जैम, अचार और दूसरे तरीकों में इस्तेमाल किया जाता है।

बहुत पुराना है गुलाब का इतिहास

गुलाब को प्रेम से भले ही आज से ढाई हजार साल पहले जोड़ दिया गया हो। गुलाब धरती पर बहुत पहले से हैष गुलाब का धरती पर अस्तित्व लगभग 3.5 करोड़ सालों से है। हालांकि गुलाब को बगीचे तरह से लगाने का चलन 5000 साल पहले शुरू हुआ। इसके पहला इस्तेमाल शायद चीन में आया।