आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कोई खुशहाल हो सकता है? क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे खुशहाल व्यक्ति कौन है? जी हां! हम बात कर रहे है 69 वर्षीय तिब्बती बौद्धभिक्षु संन्यासी मैथियू रिकार्ड की, जिन्हें वैज्ञानिकों दुनिया का सबसे खुशहाल व्यक्ति माना है। मैथियू का कहना है कि खुश रहने के लिए दिन भर में आपको महज 15 मिनट देने होंगे।
रिकार्ड ने मस्तिष्क पर किए जा रहे अध्ययन में हिस्सा लिया था 12 वर्षों तक चला ये अध्ययन करुणा और ध्यान पर केन्द्रित था। जिसका नेतृत्व यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉनसिन के न्यूरोसाइंटिस्ट रिचर्ड डेविडसन कर रहे थे। डेविडसन ने रिकार्ड के माथे से 256 सेंसर्स जोड़ दिए और पाया कि जब रिकार्ड ध्यान की मुद्रा में थे तब उनका मस्तिष्क असामान्य तरीके से हल्का था।
उनका मस्तिष्क गामा तरंगों का उत्पादन कर रहा था, जो खुशी से जुड़ी हुई थी। इससे नकारात्मक बातों को दूर करने की क्षमता दिखी। रिकार्ड का कहना है कि कई बार वह बिना बोर हुए पूरे दिन ध्यान की मुद्रा में रहते हैं। वह इस बात को स्वीकार करते हैं कि वह खुश रहते हैं पर सबसे खुशहाल व्यक्ति के खिताब को मीडिया की उछाली हुई बात कहते हैं। रिकार्ड का मानना है कि एक व्यक्ति को हमेशा मैं, मैं, मैं नहीं करना चाहिए।
ऐसा इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि, अगर आप हमेशा अपने बारे में सोचेंगे और हर वक्त इस कोशिश में रहेंगे कि चीजों को अपने लिए बेहतर कैसे करें तो यह आपको लिए काफी थकानेवाला, तनावपूर्ण और नाखुश करने वाला हो जाएगा। यही हमारी उदासी की वजह होती है। जब आप खुद के बारे में हर वक्त सोचते रहते हैं तो पूरी दुनिया आपको बुरी लगने लगती है। इसके विपरीत आपको दयालु प्रवृति का बनना चाहिए। इससे न सिर्फ आप अच्छा महसूस करेंगे बल्कि दूसरे लोग भी आपका पसंद करेंगे।