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हिमुडा ने 327 पद खत्म किए

हिमुडा ने 327 पद खत्म किए, बेरोजगारों को झटका
नाहन डिवीजन बंद कर मंत्री के क्षेत्र घुमारवीं में नया डिवीजन
➤ कर्मचारियों में रोष, प्रमोशन चैनल ठप होने की आशंका


हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के एक बड़े फैसले ने सरकारी नौकरी की राह देख रहे बेरोजगार युवाओं को करारा झटका दिया है। राज्य सरकार के उपक्रम हिमाचल आवास एवं नगरीय विकास प्राधिकरण (हिमुडा) ने अपने ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए 327 पदों को समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं। यह कदम उन युवाओं के लिए गहरा आघात साबित हुआ है, जो वर्षों से हिमुडा में नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे थे।

सरकार ने छोटे कर्मचारियों के पदों को गैर जरूरी बताते हुए खत्म कर दिया, जबकि उच्च अधिकारियों की सेटलमेंट के लिए पहली बार एडवाइजर का पद सृजित किया गया है। दिलचस्प यह है कि हिमुडा में आज तक कभी एडवाइजर नहीं रहा, मगर अब एक एडवाइजर के साथ छह कर्मचारी दफ्तर में तैनात होंगे। इससे पहले हिमुडा में केवल एक चीफ इंजीनियर का पद होता था, मगर मौजूदा सरकार ने कुछ समय पहले दो वरिष्ठ इंजीनियरों को समायोजित करने के लिए दो अतिरिक्त पद बना दिए थे। अब अचानक दोनों पद समाप्त कर दिए गए और एक सीनियर अफसर को एडवाइजर बनाकर चैनल बदल दिया गया।

सरकार का यह कदम केवल पदों तक सीमित नहीं रहा। सिरमौर जिला के नाहन में हिमुडा का डिवीजन खत्म कर दिया गया है और इसके स्थान पर विभागीय मंत्री राजेश धर्माणी के विधानसभा क्षेत्र बिलासपुर जिले के घुमारवीं में नया डिवीजन खोला गया है। इसे लेकर विपक्ष और कर्मचारियों में तीखी चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

हिमुडा में कुल 633 पद स्वीकृत थे, जिनमें से 352 पद भरे हुए और 281 पद खाली थे। मगर अब इनमें से 327 पदों को खत्म कर दिया गया है। इसका सीधा असर उन हजारों बेरोजगारों पर पड़ा है, जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे।

फैसले से कर्मचारियों में भी गहरा रोष है। उनका कहना है कि सरकार आर्थिक बदहाली का हवाला देकर छोटे पद समाप्त कर रही है, जबकि बड़े पद सृजित किए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ कामकाज प्रभावित होगा, बल्कि प्रमोशन चैनल भी ठप हो जाएगा। कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ सकता है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में कर्मचारी एकजुट होकर इस फैसले को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

गौरतलब है कि हिमुडा का मुख्य काम आवासीय कॉलोनियां और उनसे संबंधित बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। यह संस्था शहरी विकास, भूमि नियोजन, किफायती मकान और टाउनशिप के निर्माण जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार है। मौजूदा समय में मंत्री राजेश धर्माणी इसके चेयरमैन हैं और यशवंत छाजटा वाइस चेयरमैन हैं।