अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के हमले के जवाब में उसकी अर्थव्यवस्था को और कमजोर करने के इरादे से मंगलवार को घोषणा की. उन्होंने रूसी गैस, तेल और ऊर्जा के सभी आयातों पर प्रतिंबध लगाने की घोषणा की. उन्होंने दावा किया कि यह कदम रूसी अर्थव्यवसथा को गहरी चोट पहुंचाएगा. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि इससे अमेरिकियों, विशेष रूप से गैस पंप पर लागत बढ़ जाएगी. बाइडेन की इस घोषणा के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि इस फैसले को दुनिया पर क्या असर पड़ेगा. हम आपको यही बताने जा रहे हैं. जानते हैं यह फैसला दुनिया को कैसे प्रभावित कर सकता है.
अमेरिका द्वारा रूस के तेल आयात पर रोक लगाने से कच्चे तेल के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि दुनिया में यदि प्रति दिन 10 बैरल तेल की सप्लाई होती है उसमें एक बैरल रूस से आता है. रूस के उप प्रधानमंत्री ने धमकी दी है कि कच्चा तेल 300 डॉलर बैरल को पार कर सकता है.
अमेरिका के इस फैसले से भारत की चुनौती भी बढ़ेगी. भारत को कच्चे तेल आयात के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी. इसका सीधा असर यह होगा कि महंगाई बढ़ेगी, ब्याज दरें बढ़ेंगी और डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होगा. सरकार का वित्तीय घाटा बढेगा और जनकल्याण योजनाओं से लेकर पूंजीगत खर्च में कमी आएगी.
सबसे बड़ा सवाल अमेरिका के सहयोगी यूरोपीय देशों का है. वह इस फैसले में अमेरिका के साथ खड़े होंगे, यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता. यूरोपीय देश रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर अधिक निर्भर है. रूस की प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईंधन की यूरोप की खपत का एक तिहाई हिस्सा है. वहीं अमेरिका रूसी प्राकृतिक गैस का आयात नहीं करता है. फिलहाल उम्मीद यही है कि इस मामले में अमेरिका अकेला ही चलेगा.
Sikh separatist murder conspiracy: अमेरिका में एक भारतीय रॉ अधिकारी पर सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत…
प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी कार्डधारकों की शिकायत और सुझाव पधर से शुरूआत, सुरजीत सिंह…
आज का दिन कुछ राशियों के लिए शुभ संकेत लेकर आया है, जबकि कुछ जातकों…
Karwa Chauth 2024: करवा चौथ इस वर्ष 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जब विवाहित महिलाएं…
Badsar burglary incidents: उपमंडल बड़सर के विभिन्न क्षेत्रों में चोरी की घटनाएँ तेजी से बढ़…
NIT Hamirpur : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईटी हमीरपुर के गणित और वैज्ञानिक कंप्यूटिंग विभाग द्वारा…