अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमरीका के आतंकविरोधी अभियान में अलकायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि की गई है. राष्ट्रपति जो बिडेन ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमरीका ने रविवार को काबुल में यह अभियान छेड़ा था. अल-जवाहिरी एक सुरक्षित घर की बालकनी में था, जब ड्रोन ने उस पर दो मिसाइलें दागीं. हमले के दौरान उसके परिवार के अन्य सदस्य भी घर में मौजूद थे, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ.
बिडेन ने कहा कि उन्होंने अलकायदा नेता के खिलाफ सटीक कार्रवाई के लिए अंतिम मंजूरी दे दी थी. उन्होंने कहा कि अल- जवाहिरी ने अक्तूबर 2000 में अदन में अमेरिकी नौसैनिकों पर हमले समेत हिंसा की अन्य कृत्यों को भी अंजाम दिया था. इस हमले में 17 अमरीकी नाविक मारे गए थे. अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि चाहे कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं, अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो हम आपको और आपके लोगों को ढूंढ निकालेंगे.
वर्ष 2011 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल-जवाहिरी ने अल-कायदा पर कब्जा कर लिया. उसने और बिन लादेन ने एक साथ 9/11 के हमलों की साजिश रची और तब से वह अमरीका के वाछित आतंकवादियों में से एक बन गया. इस बीच तालिबान के एक प्रवक्ता ने अमरीकी कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां पिछले 20 वर्षों के असफल अनुभवों की पुनरावृत्ति हैं तथा अमरीका, अफगानिस्तान और क्षेत्र के हितों के खिलाफ हैं.