मंडी में बारिश बाढ़ का कहर दूसरे दिन भी जारी रहा। शुक्रवार रात को मंडी के पास 6 मील में आए कार हादसे में घायल धनवंती जिसका 5 साल का बेटा चिन्मय मौके पर ही मौत का शिकार हो गया था की भी चंडीगढ़ के फोर्टीज अस्पताल में मौत हो गई।
ऐसा पहली बार हुआ है कि लगातार दो दिन मंडी जिले की सुकेती खड्ड रिकार्ड स्तर के उफान पर रही हो। रविवार को तो सुकेती ने 60 साल के रिकार्ड को तोड़ते हुए पूरी बल्ह घाटी को अपनी चपेट में ले लिया। घाटी समुद्र बन गई और इसके गांव टापू जैसे हो गए। शनिवार रात को भी मूसलाधार बारिश शुरू हुई जो रविवार सुबह तक निरंतर जारी रही। बताते हैं
कि 1962 में इतना पानी आया था मगर तब आबादी कम हुआ करती थी। इस बार तो इस खड्ड ने तबाही मचा दी। बल्ह घाटी के नेरचौक, डडौर, चंडयाल, बैहना, गुटकर, नागचला में इतना पानी भर गया कि सड़कों पर वाहन चलाना भी मुश्किल हो गया। लोगों के घरों दुकानों में घुसे पानी ने भारी तबाही मचाई। बल्ह राजगढ़ व नाचन के चुनाहण में बादल फटने जैसे हालात बन गए। इससे सैंकड़ों बीघा जमीन बह गई।
कई जगह पर वाहन भी इसकी चपेट में आ गए। मंडी शहर के कालेज रोड़ में अचानक आए पहाड़ ने एक होटल को निशाना बनाया। सुबह सवेरे ही इसमें ठहरे लोगों ने भाग कर जान बचाई। इसके मलबे में कई वाहन दब गए। बिजली की लाइनें टूट गई जिससे दिन भर बिजली गुल रही। मंडी जिले में रविवार को इंटरनेट व मोबाइल सेवाएं भी बाधित रही। अभी भी हजारों लोग मंडी व उसके आसपास फसे हुए हैं क्योंकि कुल्लू मनाली का संपर्क कटा हुआ है। सभी रास्ते भूसख्लन से बाधित हैं। बारिश की तबाही का दौर बदस्तूर जारी है।
उपायुक्त मंडी की ओर से जारी सूचना के अनुसार जिले की 246 सड़कें बंद हैं जबकि 1273 को आंशिक तौर बाधित हैं। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने एक अधिसूचना जारी करके सोमवार को सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी है। उपायुक्त ने लोगों से आग्रह किया है कि जब तक बहुत जरूरी न हो लोग अपने घरों से न निकलें, सफर करना असुरक्षित है। मौसम के हालात ठीक नहीं है
इधर, सरदार पटेल विश्वविद्यालय ने सोमवार को रखी सभी परीक्षाएं व अन्य गतिविधियां स्थगित कर दी हैं। विश्वविद्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार भयंकर बारिश के कारण बंद रास्तों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। परीक्षा व अन्य कार्यक्रमों के बारे में आगामी तारीख की सूचना विश्वविद्यालय की अधिकृत वेबसाइट पर डाल दी जाएगी।