Hati community tribal status: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा देने के मामले में अगली सुनवाई की तारीख 16 दिसंबर तय की है। यह मामला लोकसभा, राज्यसभा और राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद लगभग पूरा हो चुका था। लेकिन कुछ लोगों ने इसे अदालत में चुनौती दी, जिसके चलते अब तक इस पर पांच सुनवाई हो चुकी हैं।
अदालत ने पहले समुदाय को जनजातीय प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया। हाटी समुदाय के लोग अब अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। यदि निर्णय उनके खिलाफ जाता है, तो इसके बाद की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है। गिरिपार क्षेत्र की 154 पंचायतों में रहने वाले हाटी समुदाय के लोगों में इस मामले को लेकर गहरा रोष है, जो हाल ही में लोकसभा चुनावों में भी नजर आया।
पांवटा विकासखंड के आंज भोज क्षेत्र की 11 पंचायतों में भाजपा को 2000 से अधिक वोटों की बढ़त मिली, जो यह दर्शाता है कि युवा वर्ग वर्तमान सरकार से नाराज है। इस कानूनी प्रक्रिया के चलते कई युवा ओवरेज हो चुके हैं और उन्हें शिक्षा और रोजगार के अवसरों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए छात्रों को महंगी फीस चुकानी पड़ रही है।
केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल ने कहा कि समिति हाटी समुदाय को उनका हक दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि समिति हमेशा लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगें रखती रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले के लंबित रहने से छात्रों और युवाओं को नुकसान हो रहा है। हालांकि, समुदाय हाईकोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहा है। हाटी समुदाय के लोगों को अब जनजातीय प्रमाणपत्र के लिए अदालत के फैसले का इंतजार करना होगा।