भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद, पंचकर्म और प्राकृतिक चिकित्सा के लाभ और महत्व के बारे में आज हर कोई जानता है। इन्हीं पद्धतियों पर आधारित दिव्य योग रिसर्च फाउंडेशन ने शिमला के उपनगर न्यू टूटू में एक हस्पताल शुरू करने की योजना बनाई है।
आयुष हॉस्पिटल के नाम से शुरू किए जाने वाले इस हस्पताल में लोग प्रतिदिन इन चिकित्सा पद्धतियों का लाभ उठा सकेंगें। इस हस्पताल में आयुर्वेद, पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा और योग के प्रदर्शन के साथ मरीजों को निशुल्क प्ररामर्श भी दिया जाएगा। चिकित्सकों के मार्गदर्शन में योग व पंचकर्म के विशेषज्ञों की टीम भी विशेष अवसरों पर अपनी सेवाएं देंगें।
दिव्य योग रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष विजयकुमार सूद ने बताया कि इस हस्पताल में यौगिक स्वास्थ्य देखभाल और फिटनेस पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शरीर पंच तत्व – मिट्टी, जल, वायु, अग्नि और आकाश से मिलकर बना है।
इन तत्वों के असंतुलन से रोग उत्पन्न होते हैं। इसे संतुलित बनाने की पद्धति ही प्राकृतिक चिकित्सा है। यह दवा रहित इलाज की पद्धति है जिसमें योग और आहार विशेष महत्व रखते हैं।
संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डा. के. के. शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा में आहार को भी औषधि माना गया है। मरीज को रोग के अनुसार भोजन में क्या लेना चाहिए, कौन से योगासन करने चाहिए और प्राकृतिक चिकित्सा की किस पद्धति से ईलाज किया जाना उचित होता है।
वात-पित्त-कफ के असंतुलन के अनुसार बीमारी का कारण जानकर ही चिकित्सा इस हस्पताल में की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पद्धति में वमन, विरेचन, वस्ति चिकित्सा, नस्य कर्म और रक्त मोक्षण के माध्यम से ईलाज किया जाता है।
दिव्य फाउंडेश्न के सचिव विवेक ने बताया कि यह हस्पताल अगस्त से कार्य करना शुरू कर देगा और तत्काल प्रभाव से लोगों को विभिन्न सुविधाएं मिलनी शुरू हो जांएगी। इस हस्पताल में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के साथ फिजियोथैरेपी और योगाथैरेपी की सुविधा भी प्राप्त होंगी।
उन्होंने कहा कि हस्पताल में प्रथम परामर्श सभी के लिए निशुल्क रहेगा और कोई भी हस्पताल में आकर अपने रोग के बारे मंे जानकारी प्राप्त कर सकेगा। इसके लिए उन्होंने कहा कि फाउंडेशन ने अधिक जानकारी के लिए हैल्पलाईन 76510- 76589 दी है इस पर कभी भी कॉल कर परामर्श लिया जा सकता है।