नगर निगम शिमला वार्ड पुनर्सीमांकन को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर अब राजनीति गरमा गई है। विपक्ष हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहा और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस के बाद माकपा ने भी आज सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए और मांग की कि पुनर्सीमांकन में गड़बड़ी सिर्फ 2 वार्डों में नहीं बल्कि बड़े स्तर पर की गयी है इसकी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए।
नगर निगम शिमला के पूर्व मेयर और माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि माकपा नगर निगम वार्ड पुर्सीमांकन पर 2 वार्डों की याचिका पर आए फैसले का स्वागत करती है और मांग करती है कि वार्डों के पुनर्सीमांकन से छेड़छाड़ करने वाले चाहे वो लोग सरकार में हों या सरकार के बाहर उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएं। उन्होंने कहा कि वार्ड पुनर्सीमांकन में हुई छेड़छाड़ की नैतिक जिम्मेवारी सरकार को लेनी चाहिए।
उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा सरकार अपनी हार को देखते हुए पूरी संवेधानिक चुनावी प्रक्रिया के साथ छेड़छाड़ कर रही है और भाजपा अपनी हार को देखते हुए वोटर को वंचित रखने के लिए वोटर लिस्ट में संशोधन कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुनियोजित तरीके से पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया से गड़बड़ी करके इसकी आड़ में चुनाव टालने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि शिमला शहर की जनता बहुत सूझ-बूझ वाली है। वह भाजपा की सरकार को बिल्कुल नहीं बख्शेगी। CPIM ने मांग की है जल्द नगर निगम चुनाव प्रक्रिया को पुरा किया जाए ताकि शिमला शहर की जनता को चुनी हुई सरकार मिल सके।