युवा नेता चेतन बरागटा ने सेब पैकेजिंग मैटीरियल कार्टन और ट्रे के बढ़ते दामों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से सेब पैकेजिंग मैटीरियल कार्टन और ट्रे की किमतो में लगातार बढ़ोतरी हुई है। एक सिंगल कार्टन की किमत लगभग 40 रूपए तक बढ़ीं है जबकि ट्रे बंडल में एक वर्ष में 200 रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
चेतन बरागटा ने कहा कि पिछले 7-8 सालों से बागवान को एक पेटी सेब की किमत 1000 से 1800 रूपए मिल रही है जो अभी तक पिछले कई वर्षों से जस की तस है, जबकि एक पेटी सेब को तैयार करने का खर्चा लगातार बढ़ रहा है,जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा पैकेजिंग मैटीरियल,स्प्रे की दवाईयां, लेबर रेट तथा महंगाई दर में लगातार बढ़ोतरी हुई है। जिसका सीधा नुकसान बागवानों को हो रहा है। बागवान परेशान हैं सेब को मार्केट तक पहुंचाने के लिए उसकी अधिक लागत व्यय हो रही है जबकि उसकी ऐवज में दाम बागवान को कम मिल रहे हैं। 6 हजार करोड़ का रैविनीयू जरनेट करने वाली बागवानी आज ख़तरे में नज़र आ रही है। पिछले साल अक्टूबर में पैकेजिंग मैटीरियल पर जी एस टी स्लैब को 12% से 18% किया गया था जिस कारण कार्टन व ट्रे के दाम अधिक बढ़ गए।
उन्होंने कहा कि 28, 29 जून को चंडीगढ़ में जी एस टी काउंसिल की बैठक होनी निश्चित हुई है, उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से निवेदन किया है कि इस बैठक में इस विषय को प्रमुखता से उठाया जाए । उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से पैकेजिंग मैटीरियल पर जी एस टी स्लैब को 5% करने की मांग की है। चेतन बरागटा ने कहा कि कि ये प्रदेश के बागवानों की मांग है अगर इसको मान लिया जाता है तो इसका सीधा लाभ हिमाचल प्रदेश के बागवानों सहित उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर सभी बागवानी बाहुल्य प्रदेशों को भी होगा।