धर्मशाला जोनल अस्पताल में नन्हें बच्चों के साथ इलाज के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है। हैरानी की बात ये है कि इस अस्पताल में जिन बच्चों को रेफर किया जाता है। उनका इलाज बाल रोग विशेषज्ञ नहीं बल्कि एमबीबीएस डॉक्टर कर रहें हैं। हालांकि अस्पताल में 3 बाल रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं लेकिन उनकी ड्यूटी मिलीभगत से नहीं लगाई जाती है और ये डॉक्टर अपनी सेवाएं दिए बिना ही वेतन ले रहे हैं।
बता दें कि अस्पताल में ये सिलसिला पिछले तीन वर्षों से चल रहा है। अगर अन्य अस्पतालों में एमबीबीएस डॉक्टर बच्चों का इलाज न कर पाने के कारण धर्मशाला रेफर करते है और यहां पर भी एमबीबीएस डॉक्टर ही इन बच्चों का इलाज करते हैं तो इसका क्या औचित्य है।
देखा जाए तो अस्पताल में लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। वहीं, अपने बच्चों का इलाज करवाने वाले माता-पिता को क्या पता कि उनके बच्चे की देखरेख करने वाला डॉक्टर विशेषज्ञ है या नहीं। इस बात का खुलासा यहां आए कुछ लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में ये सिलसिला कई सालों से चल रहा है। पिछले 6 महीनों से ये चलन ज्यादा ही बढ़ गया है और बाल रोग विशेषज्ञ उनके बच्चों का इलाज नहीं कर रहे हैं।
चिकित्सा अधीक्षक ने दी ये सफाई
हालांकि इस मामले को लेकर एमएस डॉ दिनेश महाजन से पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि जब बाल रोग विशेषज्ञ राउंड पर होते है या अवकाश पर होते है तभी अन्य एमबीबीएस डॉक्टरों की तैनाती बच्चों के इलाज के लिए की जाती है। उन्होंने कहा कि बाकि समय में बाल रोग विशेषज्ञ ही बच्चों का इलाज करते हैं।