एनआईटी हमीरपुर को प्रदेश के मुख्यमंत्री को पानी तो देना होगा लेकिन संस्थान भी प्रदेश और समाज के प्रति अपने दायित्व को समझे। यह विषय पानी का नहीं है विषय अपेक्षा और जिम्मेवारी का है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान मंगलवार को एनआईटी हमीरपुर में 16 करोड़ की अधिक लागत से बने ई-क्लासरूम के उदघाटन समारोह में बोल रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने संबोधन में प्रदेश सरकार और संस्थान दोनों को अपनी जिम्मेवारी को अहसास करवा गए। दरअसल एनआईटी हमीरपुर में लंबे समय से पानी की किल्लत चल रही है। एनआईटी को छह लाख लीटर पानी की आवश्यकता है और वर्तमान में डेढ़ लाख लीटर पानी मिल रहा है। यह समस्या पिछले रविवार को संस्थान की बैठक में केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखी गई थी।
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने आगे जोड़ेते हुए कहा कि कहा कि जब समस्या ध्यान आई तो सोमवार को सीएम जयराम ठाकुर को कहा कि आपको एनआईटी को पानी तो देना ही होगा यह आपकी संस्था है। सीएम को स्पष्ट कहा कि आप ऐसा नहीं सोच सकते हैं आरईसी के समय आपके प्रदेश के पचास फीसदी बच्चे यहां पढ़ते थे और अब नहीं पढ़ रहे हैं तो हम क्यों चिंता लें। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ने सहर्ष यह जिम्मेवारी ली है कि जलशक्ति विभाग को उन्होंने निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री प्रधान से पहले इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मौजूद लोगों को संबोधित किया था। उन्होंने एनआईटी के समाज और शिक्षा जगत में योगदान को लेकर बात रखी थी। अनुराग ठाकुर के चिंता को जायज ठहराते हुए कि पानी की समस्या को जायज ठहराते हुए कहा कि पानी तो मिल जाएगा और जिम्मेवारी के निर्वहन से स्वत ही अधिकार मिलता है। प्रधान ने आईआईएस बैंगलौर में प्रधानमंत्री मोदी की विजीट और उनके सवालों को हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जो सवाल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज यहां पुछा वहीं सवाल पीएम मोदी ने आईआईएस बैंगलौर में पुछा था। वहां पर पीएम के सवाल का कोई जबाव नहीं दे पाया लेकिन पीएम के सुझाव पर कर्नाटक के स्कूलों के गणित और विज्ञान विषयों के शिक्षकों की कैपस्टिी बिल्डिंग की वर्कशाप हुई।