हिमाचल प्रदेश में बरसात का मौसम दस्तक दें चुका है। इस बार हिमाचल प्रदेश में भी काफ़ी गर्मी देखी गयी है। यहां तक कि धर्मशाला और पालमपुर घूमने आए पर्यटकों कों भी गर्मी से कोई राहत नहीं मिली है। अब बरसात के दस्तक देने से जहां लोकल लोगों कों राहत मिली है वहीं दूसरी और पर्यटक भी खुश हैं। हर मौसम जहां खुशियां और त्यौहार लाता हैं वहीं अपने साथ छोटी मोटी शारीरिक परेशानियां भी लाता है। तो आइए जानते हैं कि अपनी दिनचर्या कों किस तरह स्वस्थ रखें जिससे बरसात में शारीरिक परेशानियां होने से अपना और अपने परिवार का बचाव कर सकें।
स्वस्थ खान पान
सबसे पहले सुबह उठ कर व्यायाम या योगा अवश्य करें। इस मौसम में अक्सर हम ज्यादा तला हुआ और मसाले वाला भोजन खा लेते हैं जिस से हमारा पेट खराब हो जाता है। बाहर का खाना अगर खाना हो तो सफाई का ध्यान जरूर रखें और साथ ही ताज़ा भोजन जहां बने वहीं का खाएं। क्योंकि बरसात के मौसम में बेहत जल्द खाने में बेक्टिरिया आ जाते हैं। इसके साथ दही का सेवन बेहद कम करना चाहिए नहीं तो छोंका हुआ दही खाएं। इस मौसम में हरि सब्जियां, दाल और सलाद अच्छी मात्रा में खाएं। खुले हुए भोजन का सेवन ना करें। पहाड़ी इलाके में पानी हमेशा उबला हुआ पिएं क्योंकि पेट खराब होने का सबसे बड़ा कारण बरसात में पानी होता हैं । लेकिन पानी पूरी मात्र में पिएं क्योंकि कम पानी कि वजह से बॉडी डी – हाईडरेट हों सकती है।
अदरक की चाय, ग्रीन टी, हर्बल टी पेट के लिए अच्छी होती है। बरसातों में नींबू पानी कम से कम पीना चाहिए। गर्म पानी, चाय और कॉफी पीकर एकदम से बरसात में बाहर ना निकले नहीं तो बुखार हो सकता हैं। नमी कि वजह से ज्यादा पसीना और गंदगी से निजात पाने के लिए रोजाना स्नान करें लेकिन शाम के समय नहाने से बचें इससे शरीर में दर्द कि समस्या हो सकती है। बरसात के मौसम में शाम में घर पुहंचते ही हाथ पैर पानी से धोएं ताकि आप इन्फेक्शन कि समस्या से बच सकें। इन सभी बातो कों अपनी दिनचर्या में अपनाने से आपके और आपके परिवार के बीमार होने का खतरा काफ़ी कम होगा।